यूपी की योगी सरकार ने खेती-किसानी से जुड़ी सभी जानकारियां एवं योजनाओं का लाभ एक ही स्थान से लेने की सुविधा देने के लिए राज्य में चल रही एग्री जंक्शन योजना की मियांद बढ़ा दी है. इस योजना के सकारात्मक परिणाम मिलने पर राज्य सरकार ने इस योजना को 2027 तक के लिए बढ़ा दिया है. अगले 5 साल में सरकार ने 10 हजार नए एग्री जंक्शन खोलने का फैसला किया है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया. इसके बाद किसानों को एक छत के नीचे ही आसानी से सारी जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी.
राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस योजना को अगले 5 साल तक के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया था. इसे मंत्रिपरिषद ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी. इसके साथ ही कैबिनेट में मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने वाले मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम को भी मंजूरी दी है.
सरकार ने युवा किसानों की प्रतिभा का लाभ कृषि क्षेत्र को दिलाने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2015-16 में इस योजना को प्रारंभ किया था. इसका मकसद कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं के तकनीकी हुनर का उपयोग कर कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है. इसके तहत किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए कृषि केन्द्र (एग्री जंक्शन) खुलवाकर इनमें कृषि से जुड़ी सभी जानकारियां एवं अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराना है. एग्री जंक्शन, ‘वन स्टॉप शॉप’ की तर्ज पर खोले गए हैं. इस योजना में 2015-16 से 2021-22 तक पूरे प्रदेश में कुल 4311 एग्री जंक्शन खोले जा चुके हैं.
कैबिनेट द्वारा मंजूर प्रस्ताव के अनुसार इस योजना के अगले चरण में 05 वर्षों के दौरान साल 2022-23 से 2026-27 तक की अवधि में कुल 10,000 एग्री जंक्शन केन्द्र पूरे प्रदेश में खोलने का लक्ष्य तय किया गया है. जिससे इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी विकास खण्डों एवं तहसील मुख्यालयों पर ‘वन स्टाॅप शाॅप’ खुल सकें. इनके माध्यम से किसान गुणवत्तायुक्त कृषि निवेश एवं कृषि प्रक्षेत्र निर्देशन प्राप्त कर सकेंगे. इसी के साथ युवा कृषि स्नातक स्वरोजगार के लिए सक्षम होंगे.
चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 756 एग्री जंक्शन केन्द्र खोलने का लक्ष्य है. इसके लिए 647.17 लाख रुपये का बजटीय प्रावधान है. इस योजना के अन्तर्गत चयनित ऋण सम्बन्धी आवेदनों काे नाबार्ड के परामर्श एवं सहकारी बैंक या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से लागू करवाया जाएगा.
योजना के पात्र लाभार्थी उत्तर प्रदेश के निवासी ऐसे लोग हो सकते हैं, जो कृषि स्नातक होंं या एग्रो बिजनेस मेनेजमेंट में ग्रेजुएट हों. इसके अलावा कृषि से जुड़े विषयों उद्यान, पशुपालन, वानिकी, डेयरी, पशु चिकित्सा, मुर्गी पालन में आईसीएआर या यूजीसी से मान्यता प्राप्त संंस्थान से डिग्रीधारी एग्री जंक्शन योजना के लिए पात्र हो सकते हैं.
कैबिनेट ने इस योजना को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए इसके प्रावधानों में आंशिक संशोधन करने को भी मंजूरी दी है. ऐसा कोई संशोधन करने से पहले मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेना अनिवार्य कर दिया गया है.
एग्री जंक्शन (वन स्टॉप शॉप) के माध्यम से किसानों को सरकार से मिल रही विभिन्न सेवाओं को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जाता है. इन केन्द्रों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता के बीज, खाद, जैविक खाद, माइक्रो न्यूट्रिएन्टस, वर्मी कम्पोस्ट, कीटनाशक तथा जैव कीटनाशक मुहैया कराए जाते हैं. इसके अलावा खेती में लागत को कम करने में सरकार की सहायक योजनाओं का लाभ भी किसानों को इन्हीं केन्द्रों के माध्यम से मुहैया कराया जाता है. इन केन्द्रों पर कृषि प्रसार सेवाएं और सॉइल हेल्थ कार्ड पर संस्तुत उर्वरक एवं खाद की संतुलित मात्रा के बारे में किसानों को मार्गदर्शन देने, लघु कृषि यंत्रों को किराये पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था और विभिन्न कृषि योजनाओं के सम्बन्ध में परामर्शी सेवायें दी जाती हैं. एग्री जंक्शन केन्द्रों द्वारा कृषि उपकरणों की मरम्मत और रखरखाव, पशु आहार, कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों की बिक्री और मौसम सहित अन्य सूचनाएं किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं.
एग्री जंक्शन केन्द्र खोलने के लिए चयनित लाभार्थियों को उद्यम स्थापना एवं संचालन हेतु निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. एग्री जंक्शन शुरू करने के लिए प्रशिक्षित लाभार्थी को बैंकों से ऋण स्वीकृति की दशा में अधिकतम 42,000 रुपये की धनराशि का ब्याज अनुदान बैंक एंडेड सब्सिडी के रूप में मिलता है. इस केन्द्र के एक साल तक के किराये की 50 प्रतिशत राशि भी दी जाती है, जो 1000 रुपये प्रतिमाह से अधिक न हो. चयनित लाभार्थियों को बीज, उर्वरक कीटनाशी आदि कृषि निवेशों के व्यवसाय के लिए लाइसेन्स फीस भी नहीं देनी होती है.
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