शिवराज सिंह चौहान ने की 'वाटरशेड यात्रा' की शुरुआत, वाटर लेवल बढ़ाने और मिट्टी संरक्षण पर होगा काम

शिवराज सिंह चौहान ने की 'वाटरशेड यात्रा' की शुरुआत, वाटर लेवल बढ़ाने और मिट्टी संरक्षण पर होगा काम

ग्रामीण विकास मंत्री शि‍वराज सिंह चौहान ने बुधवार को वाटरशेड यात्रा का शुभारंभ किया. वॉटरशेड कार्यक्रम के तहत- चेक डेम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत तालाब आदि जैसी अनेक संरचनाएं बनाई जाएंगी. चौहान ने कहा कि वाटरशेड के तहत बनी संरचनाओं के माध्‍यम से भरा हुआ सतही जल आस-पास के बड़े इलाके में भूजल स्तर बढ़ा देगा. माटी में नमी बनेगी, माटी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी.

Union Minister Shivraj Singh Chouhan. (File Photo)Union Minister Shivraj Singh Chouhan. (File Photo)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 05, 2025,
  • Updated Feb 05, 2025, 1:49 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण और ग्रामीण विकास मंत्री शि‍वराज सिंह चौहान ने बुधवार को वाटरशेड यात्रा का शुभारंभ किया. वॉटरशेड कार्यक्रम के तहत- चेक डेम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत तालाब आदि जैसी अनेक संरचनाएं बनाई जाएंगी. इनसे पानी बचेगा और मिट्टी का क्षरण रुकेगा. सतही जल भी बहकर नहीं जाएगा, जिससे भू-जल स्तर (ग्राउंडवॉटर लेवल) बढ़ेगा. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जल हमारे जीवन का आधार है. जल है तो जीवन है. हम माटी से पैदा हुए और माटी में मिलते हैं. माटी हमारा अस्तित्व और आधार है. 

गांव-किसान-पंचायत सभी से जुड़ने का आह्वान

चौहान ने कहा कि वाटरशेड के तहत बनी संरचनाओं के माध्‍यम से भरा हुआ सतही जल आस-पास के बड़े इलाके में भूजल स्तर बढ़ा देगा. माटी में नमी बनेगी, माटी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी. प्रधानमंत्री मोदी की विजनरी सोच के कारण भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय का भूमि संसाधन विभाग मिट्टी और जल संरक्षण के लिए पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वॉटरशेड विकास घटक की योजना को चला रहा है. 

केंद्रीय मंत्री ने आह्वान करते हुए कहा कि जरूरी है कि हम इस योजना के साथ जुड़ें, ये काम अकेले सरकार नहीं कर सकती, सरकार के साथ समाज का सहयोग जरूरी है. हर गांव, किसान, पंचायत, जनप्रतिनिधि, माता-बहन, NGO, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को वाटरशेड कार्यक्रम से जोड़ना है. इसके लिए हमने वॉटरशेड यात्रा निकालने का संकल्प लिया है. 

बेहतर काम करने वाले प्रोजेक्‍ट्स को 20 लाख पुरस्‍कार

चौहान ने कहा कि इस यात्रा के शुभ अवसर पर बताते हुए खुशी हो रही है कि आगामी 2 वर्षों के लिए जनभागीदारी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया जा रहा है. अगर जनभागीदारी से हम बेहतर जल संरचना बनाते हैं, भूमि के क्षरण को रोकते हैं तो श्रेष्ठ काम करने वाले प्रोजेक्‍ट्स को अतिरिक्त 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. इसके लिए 70 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. हर साल 177 प्रोजेक्‍ट्स को इससे लाभ मिलेगा. इस वर्ष की प्रतियोगिता के लिए परियोजना का मूल्यांकन अप्रैल में किया जाएगा. मैं आह्वान करता हूं, अपने लिए और अपनों के लिए पानी बचायें, माटी बचाएं.

कई जगहों पर वाटर लेवल डेढ़ हजार फीट नीचे पहुंचा

चौहान ने कहा कि जल और मिट्टी दोनों ठीक दशा में न रहें, तो हमारी जिंदगी की दशा क्या होगी? हमारी आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा? हमारे प्रधानमंत्री दूरदर्शी हैं, वो आने वाले 50 साल, 100 साल की सोचते हैं, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचते हैं. बिगड़ते हुए पर्यावरण के कारण भूजल का स्तर क्या रह गया है? कई जगह पानी हजार से डेढ़ हजार फीट के नीचे चला गया है. 

कुछ वर्षों पूर्व नदियां बहती थीं, कुएं के ऊपर तक पानी रहता था. आज कुएं सूख गए, नदियों की धार खत्म हो गई. आने वाले कल में हमारी पीढ़ियां कैसे जीवित रहेंगी, इस बारे में सोचना पड़ेगा. पानी आज विश्व का सबसे बड़ा मुद्दा है. हमें पानी बचाना है, भूजल स्तर को ठीक करना है. घाटों का क्षरण हो रहा है, कई जगह जमीन बंजर हो रही है. उपजाऊ माटी बह रही है.

ऐसा होता रहा तो क्या कृषि की उपज होती रहेगी? हमें पानी भी बचाना है और माटी भी बचाना है. ये महज यात्रा नहीं, धरती को बचाने की यात्रा है. पानी, माटी, धरती बचेगी तो आपके बच्चों का भविष्य बचेगा. इस विशेष अभियान को जनता का आंदोलन बनाएं. जनजन इसमें जुड़ जाएं. हम जनता के सहयोग से जल संरचनाएं बनाएंगे, माटी के संरक्षण की योजनाएं बनाएंगे. 

वॉटरशेड महोत्सव का होगा आयोजन

इस यात्रा के दौरान पानी और माटी बचाने के लिए जनजागरण अभियान चलेगा और वॉटरशेड के अंतर्गत पूरे किए गए कामों का लोकार्पण होगा, नए कामों का भूमिपूजन होगा. वॉटरशेड महोत्सव मनाया जाएगा. वॉटरशेड पंचायत उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित करेगी. ये वॉटरशेड यात्रा देशभर में जलसंचयन और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देगी. पानी और माटी बचाने के लिए ग्रामीण जनता को एक मंच भी प्रदान करेगी. 

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