छोटे किसानों को बुढ़ापे में सामाजिक सुरक्षा देने के इरादे से केंद्र सरकार ने 2019 में पीएम किसान मानधन योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत आवेदक को मासिक आधार पर मामूली रकम जमा करनी होती है और 60 वर्ष की उम्र पार करने पर उसे प्रतिमाह न्यूनतम 3 हजार रुपये की राशि पेंशन के रूप में हर महीने दी जाती है. इस निवेश योजना के जमाकर्ताओं को सरकार उनकी मासिक रकम के बराबर राशि जमा करती है.
प्रधान मंत्री किसान मान धन योजना (PMKMY) बहुत कमजोर किसान परिवारों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई है. यह अंशदान से जुड़ी योजना है, जिसमें निष्कासन मानक के तहत कुछ को छोड़कर कोई भी छोटे और सीमांत किसान पेंशन कोष में मासिक अंशदान कर सदस्य बन सकते हैं. इतनी ही राशि का भुगतान केन्द्र सरकार भी करेगी. यानी कोई आवेदक इस योजना से जुड़ता है तो अगर वह मासिक 55 रुपये जमा करता है तो केंद्र सरकार भी 55 रुपये जमा करेगी. इस तरह आवेदक के पेंशन कोष में हर माह 110 रुपये जमा होंगे.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2024 तक कुल 23.38 लाख किसानों ने पीएम किसान मानधन योजना को अपनाया है और हर माह निश्चित राशि का योगदान कर रहे हैं. योजना के अनुसार जमाकर्ता को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये उसके बैंक खाते में केंद्र सरकार ट्रांसफर करेगी और यह राशि उसके निधन तक खाते में आती रहेगी. योजना का उद्देश्य कमजोर वर्ग के किसानों को बुढ़ापे में जीवन यापन के लिए निश्चित राशि उपलब्ध कराना है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार योजना की शुरुआत के बाद से कर्नाटक में सर्वाधिक 41,683 किसानों को योजना के तहत नामांकित किया गया है. इस साल 31 जनवरी 2024 तक योजना के तहत कर्नाटक के किसानों से 10,78,51,700 रुपये की राशि एकत्र की गई है और केंद्र सरकार ने भी उतनी ही राशि का योगदान दिया है.