नाबार्ड भारत का शीर्ष विकास बैंक है जिसकी स्थापना 1982 में टिकाऊ और इक्विटी-आधारित कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए संसद के एक अधिनियम के माध्यम से की गई थी. नाबार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सहभागी वित्तीय और अन्य सहयोगों, नवाचारों और तकनीकी विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देना जारी रखता है. आपको बता दें नाबार्ड ग्रामीण विकास और किसानों के आर्थिक विकास के लिए लोगों को लोन दिलवाता है. ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें. ऐसे में नाबार्ड डेयरी फार्म के लिए किसानों को लोन दिलवा रही है. अगर आप भी लोन लेना चाहते हैं तो घर बैठे आवेदन कर सकते हैं. वो कैसे आइए जानते हैं.
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत, लोन राशि आवेदक की जरूरतों के आधार पर निर्धारित की जाती है. आपको बता दें पशु खरीदने के लिए लोन की राशि 50 हजार रुपये से लेकर 12 लाख रुपये तक होती है. वहीं डेयरी फार्मिंग खोलने के लिए लोन की राशि 10 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक हो सकती है.
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नाबार्ड पशुपालन सब्सिडी 3.30 लाख तक की मिल सकती है और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आने वाले सभी नागरिकों को योजना के अंतर्गत 4.40 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है और नाबार्ड पशुपालन योजना राशि बैंक के द्वारा अनुमोदितकी जाएगी और इसमें आवेदन करने वाले लाभार्थी को 25%खुद को देनी होगी. इस योजना के तहत आप दुग्ध उत्पादों के प्रोसेसिंग के लिए उपकरण खरीद सकते हैं और अगर आप यह मशीन खरीदते हैं, तो इसकी कीमत 13.20 लाख रुपये तक है, तो आप इस पर 25% पूंजीगत सब्सिडी यानी 3.30 लाख रुपये तक सरकार से ले सकते हैं.
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत लोन की ब्याज दर 6.5% से 9% प्रति वर्ष है. वहीं लोन चुकाने की अवधि 10 वर्ष तक की है.