वैश्विक महामारी के बाद देश के अंदर कई बड़े मुद्दों को लेकर विचार विमर्श किया गया और उसमें कई बड़े बदलाव भी किए गए. ताकि देश को किसी भी आपदा के लिए तैयार किया जा सके. देश को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश अब भी लगातार जारी है. महामारी के दौरान हमे जो देखना पड़ा वो दोबारा ना हो यही कोशिश सरकार अब भी कर रही है. इसी क्रम में सरकार ने कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए इसे और भी मजबूत बनाने का काम किया है. जिसको लेकर सरकार ने साल 2020 में किसान कृषि उड़ान योजना (Krishi Udan Yojana) की घोषणा की थी. वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फ़रवरी 2020 बजट में इस योजना को शामिल कर इसकी घोषणा की थी ताकि किसानों को मजबूत बनाया जा सके.
कृषि उड़ान योजना (Krishi Udan Yojana) के तहत हवाई उड़ान तथा कृषि रेल के द्वारा किसानो की फसलों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है. इस योजना का मुख्य मकसद फसलों को कम समय में बड़ी आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना है, ताकि फसल जल्दी खराब ना हो. अक्सर यह देखा गया है कि फसल समय पर ना पहुंच पाने के कारण खराब हो जाता है. जिस वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में किसानों की इस समस्या का हल निकालते हुए सरकार ने कृषि उड़ान योजना का संचालन किया है. बाजार में फसल समय पर पहुंचेगी, तभी किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
इस योजना का संचालन राज्य व केंद्र सरकार द्वारा एयरलाइंस को दिया गया है. इसमें कृषि रेल को भी जोड़ा गया है. इसमें एयरलाइन और कृषि रेल की महत्वपूर्ण भूमिका होगी फसलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में. इसमें फसलों के अलावा दूध, दही, मांस, मछली अन्य जो भी वस्तुएं जो जल्दी खराब होने वाली हैं उन्हें बाजारों में निश्चित समय पर पहुंचाया जायेगा.
कृषि उड़ान योजना (Krishi Udan Yojana) में जो भी फ्लाइट कार्यरत होगी वो राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय होगी. यानि भारतीय किसानों की फसल को ना सिर्फ देश बल्कि दुसरे देशों तक भी पहुंचाया जाएगा. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ये विकास-दर में तेजी से रफ़्तार करने वाली स्कीम है. जिसका सीधा लाभ देश की अर्थव्यवस्था और किसानों को मिलेगा.