कोटा के दशहरा मैदान में मंगलवार को हाड़ौती में अब तक का खेती-किसानी का सबसे बड़ा आयोजन कृषि महोत्सव शुरू हो गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर हो रहे इस दो दिवसीय आयोजन में कोटा-बूंदी सहित पूरे हाड़ौती के किसानों को 75 से अधिक स्टार्टअप्स, प्रगतिशील किसानों और कृषि उत्पाद बनाने वाली कंपनियों से बातचीत करने का अवसर मिलेगा. इस महोत्सव की तैयारी कई दिनों से चल रही थी जिसका आज भव्य आगाज हो गया.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय और राजस्थान के कृषि विभाग की ओर से आयोजित कृषि महोत्सव प्रदर्शनी का शुभारंभ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने किया. कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, केंद्रीय पशु, मत्स्य और डेयरी राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान, राजस्थान सरकार में कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया और सहकारिता राज्य मंत्री उदयलाल आंजना उपस्थित रहे.
प्रदर्शनी में किसानों को खेती-किसानी के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और नई तकनीक के बारे में स्टार्टअप्स के जरिये जानने को मिलेगा. इस तकनीक को अपनाकर किसान कम क्षेत्र में कम लागत और कम समय में अधिक उपज और अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकेंगे. स्टार्टअप्स से ये जानकारी मिलेगी कि अन्य क्षेत्रों की तरह खेती-बाड़ी में भी बंपर कमाई के मौके हैं. लोग नई-नई खोज के साथ कृषि क्षेत्र में नए स्टार्टअप बना सकते हैं और किसानों को बड़ी मदद पहुंचा सकते हैं.
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इस कार्यक्रम में किसानों को ऐसे प्रगतिशील किसानों से भी बातचीत करने का अवसर मिलेगा, जिन्होंने अपने कौशल और तकनीक में सुधार करते हुए खेती को लाभप्रद और सरल बनाया है. उनके अनुभव जानने से किसानों को खेती की नई और वैज्ञानिक पद्धतियों की ओर बढ़ने का मौका मिलेगा. उद्घाटन समारोह के बाद दशहरा मैदान परिसर में बनाए गए तीन हाईटेक सभागार में किसानों को खेती के साथ किए जाने वाले अन्य व्यवसायों के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके लिए कॉन्फ्रेंस आयोजित किए जाएंगे. कॉन्फ्रेंस में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए चलाई जा रही अलग-अलग योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा किसानों को अपनी उपज को अन्य प्लेटफॉर्म पर बेचने के तरीकों के बारे में भी बताया जाएगा.
कृषि महोत्सव में अलग-अलग कंपनियां अपने कृषि ड्रोन भी प्रदर्शित करेंगी. ये ड्रोन लागत कम करते हुए किसानों को कम समय में अधिक काम करने की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं. कंपनियां इन ड्रोन का डेमो भी देंगी. ये ड्रोन युवाओं को स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने का अवसर मुहैया करवाएंगे. आने वाले समय में कृषि क्षेत्र दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र होगा जिसमें ड्रोन का सबसे अधिक इस्तेमाल होने जा रहा है. ड्रोन से फसलों की निगरानी के अलावा खादों और रसायनों का छिड़काव आसानी से किया जा सकता है.(चेतन गुर्जर की रिपोर्ट)