केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सरकार उन सभी पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 6,000 रुपये वार्षिक नकद लाभ देने के लिए तैयार है, जो अभी तक इसका हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने सभी राज्य सरकारों से ऐसे किसानों की पहचान करने और उन्हें योजना में शामिल करने में केंद्र के साथ सहयोग करने को कहा.
लोकसभा में कृषि मंत्री ने कहा, कोई पात्र हितग्राही अगर रह गया हो तो मैं फिर निवेदन कर रहा हूं अगर माननीय सदस्य के राज्य में तमिलनाडु में भी कोई पात्र किसान बचा हो हम राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि वो पोर्टल में अपडेट करें. आवेदन ऑनलाइन कॉमन सर्विस सेंटर से उनका अपलोड कर दें, उनके नाम निश्चित तौर पर जोड़ दिए जाएंगे. अभी तमिलनाडु के पास, जो मेरी जानकारी है, लगभग ऐसे 14000 किसान हैं, तमिलनाडु सरकार छानबीन करके भेज दे, सभी के नाम जोड़ दिए जाएंगे, यहां से 1 दिन की देरी भी नहीं होगी, यह मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं.
कृषि मंत्री ने संसद में कहा, अगर वो चाहें तो तमिलनाडु के लिए हम एक और विशेष अभियान चला सकते हैं, पात्र किसानों का नाम जोड़ने के लिए. शिवराज सिंह चौहान ने कहा, माननीय अध्यक्ष महोदय मैं तो स्वयं दो बार तमिलनाडु गया. एक बार मैं तमिलनाडु गया कृषि विभाग के कामों से और एक बार मैं गया रूरल डेवलपमेंट के लिए. अब मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन दोनों बार ना तो वहां के रूरल डेवलपमेंट मंत्री मेरी बैठक में आए और ना ही कृषि मंत्री वहां की बैठक में आए.
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मैं यह निवेदन करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है लाभ देने के लिए, अभी मनरेगा की बात हुई थी. तब भी 7 हजार 600 करोड़ रुपये दिए गए हैं. आज तक के सबसे ज्यादा और वैसे ही अगर कृषि विभाग के मामले में कोई नाम शेष है तो वहां के कृषि मंत्री आएं या मुझे आप बुला लें, मैं खुद तमिलनाडु चला आऊंगा. हम तमिलनाडु की महान जनता को प्रणाम करते हैं, तमिल संस्कृति को प्रणाम करते हैं, तमिल भाषा को प्रणाम करते हैं. हम सब भारत मां के लाल, भेदभाव का कहां सवाल, कोई भेद नहीं होगा. हम तमिलनाडु की जनता की और किसानों की विनम्रता से सेवा करेंगे.
प्रश्नकाल के दौरान चौहान ने कहा, "अगर कोई छूट गया है, तो कृपया उन सभी को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत शामिल करने में हमारी मदद करें. हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे किसानों को भी पिछली किस्तें मिलें." मंत्री ने कहा कि सभी पात्र लाभार्थियों के पास कम से कम एक ज़मीन का टुकड़ा होना चाहिए, ईकेवाईसी करवाना चाहिए और पीएम किसान पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह राशि 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है.
पीएम किसान केंद्र सरकार की योजना है, जिसकी 100 प्रतिशत फंडिंग भारत सरकार की ओर से की जाती है. 1 दिसंबर, 2018 से लागू इस योजना के तहत सभी भूमि मालिक किसान परिवारों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये की वार्षिक आय सहायता दी जाती है. राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार सहायता के लिए पात्र किसान परिवारों की पहचान करते हैं.
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पीएम किसान सम्मान निधि की अंतिम किस्त 24 फरवरी को दी गई थी, जब देश भर में 2.41 करोड़ महिला किसानों सहित 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के जरिये कुल 22,000 करोड़ रुपये दिए गए थे.