दिल्ली एनसीआर रीजन में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) ने 10 दिन पहले ही डीजल बसों के परिचालन को 1 नवंबर से प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली एनसीआर शहरों के बीच सिर्फ सीएनजी इलेक्ट्रिक और बीएस-VI मानक वाली डीजल बसों को संचालित किया जाएगा. लेकिन, रविवार को जांच अभियान में बीएस-III और बीएस-V डीजल बसें चलती पाए जाने के बाद इन पर भी रोक लगाने की मांग की गई है. कहा गया है कि यूपी, हरियाणा और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में इन बसों का संचालन नहीं किया जाए. बसों के बैन होने से शुरुआती दिनों में किसानों का आवागमन प्रभावित हो सकता है, जिसके कारण उन्हें थोड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के एनसीआर क्षेत्रों में कम डीजल पर चलने वाली बसों पर कड़ा प्रतिबंध लगाने की मांग केंद्र सरकार से की है. कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर जांच के दौरान उन्हें पता चला कि इन क्षेत्रों में रजिस्टर्ड सभी बसें बीएस III और बीएस IV वाहन थीं. इन पर रोक लगाने की मांग की है.
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि वाहन प्रदूषण को कम करने को लेकर आज रविवार को कश्मीरी गेट ISBT में आने वाली डीजल से संबंधित बसों को लेकर निरीक्षण किया और NCR राज्यों से आए बसों के ड्राइवरों को जागरूक किया कि आगामी 1 नवंबर से दिल्ली में सिर्फ इलेक्ट्रिक, CNG एवं BS-VI बसें ही आ सकती हैं.
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उन्होंने कहा कि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन दिल्ली के वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण हिस्से के लिए जिम्मेदार है. जबकि दिल्ली में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं. पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की बसें बीएस III और बीएस IV वाहन हैं. इनपर एनसीआर क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगनी जरूरी है. उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि केंद्र हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में संचालित होने वाली बीएस III और बीएस IV बसों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि 1 नवंबर से केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस VI डीजल बसों को दिल्ली और हरियाणा, उत्तर प्रदेश के शहरों और कस्बों के बीच संचालित करने की अनुमति दी जाएगी. दिल्ली एनसीआर रीजन में 3 राज्यों यूपी, हरियाणा और राजस्थान के कुल 24 जिले आते हैं. इनमें से गाजियाबाद, अलवर समेत दिल्ली को छोड़कर बाकी जिलों से बड़ी संख्या में किसानों का आवागमन होता है. बसों के बैन होने से शुरुआती तौर पर किसानों को थोड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है.