भारत में पान की अपनी एक अलग विशेषता है. पान की खेती कई राज्यों में की जाती है, लेकिन मगही पान का अपना अलग ही महत्व है. आर्थिक दृष्टिकोण से भी मगही पान की कीमत अन्य जगहों के पान की तुलना में अधिक होती है. दरअसल उत्तर प्रदेश में जहां बनारसी पान फेमस है, वहीं बिहार में मगही पान लोगों के दिलों पर राज करता है. यहां पर लोग मगही पान को बड़े ही चाव से खाना पसंद करते हैं. वहीं बिहार के मशहूर मगही पान को ज्योग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन टैग (GI Tag) भी मिल चुका है. साथ ही कई लोग इसे आयुर्वेदिक औषधि और माउथ फ्रेशनर के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं.
ऐसे में मगही पान की बढ़ती मांग को देखते हुए बिहार सरकार ने पान विकास योजना के अंतर्गत मगही पान की खेती करने वाले किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का ऐलान किया है. इसके लिए सरकार ने किसानों से आवेदन मांगे हैं. वहीं पान की खेती से किसानों को कमाई करने का अच्छा मौका भी मिलेगा.
पान विकास योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 31 जनवरी तक आवेदन करना होगा. सरकार ने इसके लिए समय भी निर्धारित किया हैं. इसमें किसान अपने आवेदन को 31 तारीख की शाम 6 बजे तक आवेदन कर सकते हैं. साथ ही ये योजना बिहार के छह जिलों के किसानों के लिए संचालित की गई है. इसमें गया, औरंगाबाद, नवादा, नालंदा, शेखपुरा और वैशाली जिले को शामिल किया गया है.
राज्य सरकार ने विशेष पान विकास योजना के तहत 300 वर्ग मीटर में मगही पान की खेती पर इकाई लागत 70500 रुपये निर्धारित की है. यानी अगर किसान 300 वर्ग मीटर में मगही पान की खेती करते हैं, तो उन्हें 70500 रुपये पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. इस योजना के तहत मगही पान की खेती करने वाले किसानों को फ्री में 35250 रुपये मिलेंगे.
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बिहार सरकार द्वारा घोषित जिले के किसान मगही पान की खेती करने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. किसान सब्सिडी का लाभ लेने के लिए बिहार कृषि विभाग उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं.