उन्नत खेती के तरीके सीखेंगे किसान... आंवला, पपीता, मक्का समेत अन्य फसलों की मिलेगी ट्रेनिंग

उन्नत खेती के तरीके सीखेंगे किसान... आंवला, पपीता, मक्का समेत अन्य फसलों की मिलेगी ट्रेनिंग

बिहार सरकार खेती और बागवानी के लिए कई योजनाएं चला रही है. कई जिलों में अलग-अलग फलों और फूलों की खेती पर सरकार सब्सिडी दे रही है. वहीं, राज्‍य में अब आत्‍मा योजना के त‍हत किसानों को बाहर राज्‍यों में सब्‍जी और फलों की खेती की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. राज्‍य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किसानों के एक समूह को रविवार को रवाना किया.

बिहार के‍ किसान दूसरे राज्‍यों में सीखेंगे उन्‍नत खेती. (सांकेतिक तस्‍वीर)बिहार के‍ किसान दूसरे राज्‍यों में सीखेंगे उन्‍नत खेती. (सांकेतिक तस्‍वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 23, 2024,
  • Updated Sep 23, 2024, 2:30 PM IST

बिहार सरकार किसानों और पशुपालकों के लिए कई योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में अब सरकार किसानों को अन्‍य राज्‍यों में खेती और बागवानी की ट्रेनिंग देने के लिए आत्मा योजना चला रही है. रविवार को राज्‍य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कृषि भवन पटना के सभागार से राज्य के बाहर प्रशिक्षण और परिभ्रमण कार्यक्रम में चयनित किसानों को रवाना किया. इन किसानों को आंवला, पपीता, नींबू, खरीफ प्याज और आलू की उन्नत तकनीक सीखने के लिए अन्य जगहों पर भेजा गया.  

किसानों की आमदनी दोगुनी करना लक्ष्‍य 

कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार के किसानों को देश के खेती से संबंधित प्रतिष्ठित संस्थानों में आत्मा योजना के तहत प्रशिक्षण और परिभ्रमण कराने का उद्देश्य खेती और इससे जुड़े क्षेत्रों में हो रहे नए बदलावों और तकनीकों से अवगत कराना है. वहीं इसका एक और लक्ष्‍य किसानों की आमदनी दोगुनी करना है. मंगल पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ सालों में बिहार में किसानों की आय बढ़ी है. राज्‍य की जीडीपी में एग्री सेक्‍टर का लगभग 14 प्रतिशत योगदान है. इसके लिए उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को श्रेय दिया.

ये भी पढ़ें - अब खेती में बचेगा पैसा और पानी, बिहार सरकार मल्चिंग लगाने पर दे रही है 50 फीसदी सब्सिडी

'देखकर सीखो, सीखकर अपनाओ' 

कृष‍ि मंत्री मंगल पांडेय ने किसानों से कहा, ''आप जब बाहर जाएं तो 'देखकर सीखो, सीखकर अपनाओ' के सिद्धांत पर काम करें. इसके लिए ही आपको देश के दूसरे राज्यों में प्रशिक्षण और परिभ्रमण पर भेजा जा रहा है.'' उन्‍होंने आगे कहा कि देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में जाकर अपने विषय से जुड़े सवालों के बारे में वैज्ञानिकों से पूछें, ताकि किसानों को भविष्य में इसका लाभ मिल सके. आपके परिभ्रमण का मुख्य उद्देश्य कम जमीन पर अधिक फसलों का उत्पादन, मार्केटिंग, पैकेजिंग व्यवस्था को समझना और किसानों को ई-फ्रेंडली बनाना है.

विभाग सचिव ने बामेती को दिया निर्देश

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम हर जिले के लिए आयोजित किया जाएगा. बिहार कृषि प्रधान राज्य है. यहां भी कई जगहों से किसान परिभ्रमण के लिए आते हैं और सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस से सीख कर जाते हैं. इस कार्यक्रम का लक्ष्य विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण लेने के साथ-साथ किसानों और वैज्ञानिकों से सीधे चर्चा कर जानकारी हासिल करना है. 

उन्होंने बामेती (बिहार एग्रीकल्‍चर मैनेजमेंट एंड एक्‍सटेंशन ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट) को नई रणनीति बनाने का निर्देश दिया और बिहार में बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न से संबंधित जिलों में किसानों को 'देखकर सीखो, सीखकर अपनाओ' के सिद्धांत पर अंतर-जिला परिभ्रमण कार्यक्रम अंतर्गत प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था करने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान मन में जो भी सवाल आए, उसे पूछकर जानकारी जरूर हासिल करना है.

MORE NEWS

Read more!