केंद्र सरकार किसानों की समस्याएं दूर करने के लिए प्रयासरत है. अब किसानों को सॉल्यूशन देने के लिए वैज्ञानिकों से शोध प्रोजेक्ट बढ़ाने के लिए कहा गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा रिसर्चर्स का कार्य केवल लैब तक ही सीमित न रहे बल्कि उसे किसानों तक भी पहुंचाया जाये. लैब टू लैंड की दूरी हमें खत्म करनी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने की दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ रही.
महाराष्ट्र के पूणे स्थित गोखले राजनीति और अर्थशास्त्र संस्थान (एईआरसी) के प्लेटिनम जुबली सम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अर्थव्यवस्था में खेती के योगदान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 फीसदी रहा है. खासकर कोविड के समय सारी दुनिया को यह पता चल चुका है कि भारत का कृषि क्षेत्र अन्य देशों से मजबूत है. उन्होंने कहा कि भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने की दिशा में सरकार कोई कमी नहीं छोड़ रही है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शोधकर्ताओं का कार्य केवल लैब तक ही सीमित न रहे बल्कि उसे किसानों तक भी पहुंचाया जाए. इस दिशा में उनकी सरकार कई पहलुओं पर काम कर रही है. कृषि क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक और किसानों को एकत्र होकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी जानकारियां केवल अंग्रेजी भाषा में ही सीमित न रहें. इसको भारत की विभिन्न भाषाओं में भी प्रकाशित करना जरूरी है ताकि लैब टू लैंड की दूरी को खत्म किया जा सके.
यह धरती सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं बनी है यह कीट पतंगों जैसे सारे जीवों के लिए बनी है. कीटनाशकों के अनियन्त्रित इस्तेमाल को रोकने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि हमें प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना है. इससे उत्पादन में वेल्यू एडिशन होगा. किसानों की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है. इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार किसानों के उत्पादों को दूर दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए नई योजना पर काम कर रही है. इसके तहत किसानों को अपने उत्पादों को अन्य राज्यों व बाजारों तक पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर योजना बना रहे हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में कई हिस्सों में कभी बाढ़ आती है तो कई हिस्सों में सूखा पड़ता है. ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए नदी जोड़ों परियोजना शुरू की गई है. इस योजना से जहां ज़्यादा बारिश होती है और जहां सूखा पड़ता है उन क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिए जिससे कम पानी में ज़्यादा सिंचाई हो.
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन लागत कम करने पर जोर देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले साल उनकी सरकार 1.94 मिटिक टन सब्सिडी किसानों को दी गई है. किसानों को महाजन के सूद से बचाने के लिए और पैसे की जरूरत पूरी करने के इरादे से किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है. 2014 से 2024 के बीच उनकी सरकार बहुत सारे उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है इससे किसानों को बड़े पैमाने पर राहत मिल रही है. उन्होंने कहा है कि हमें हर समय आयात पर निर्भर नहीं होना चाहिए. इसीलिए हमें ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके.