School Education : छत्तीसगढ़ में 500 से ज्यादा जर्जर स्कूलों का हुआ कायाकल्प, आदिवासी बच्चों को मिली सहूलियत

School Education : छत्तीसगढ़ में 500 से ज्यादा जर्जर स्कूलों का हुआ कायाकल्प, आदिवासी बच्चों को मिली सहूलियत

छत्तीसगढ़ के आदिवासी और दलित समुदायों की बहुलता वाले कोरबा जिले के Rural Areas में सरकारी स्कूलों की इमारतें इस कदर जर्जर हो चुकी थीं कि बारिश के दिनों में बच्चों को छत से टपकते पानी के नीचे पढ़ाई करनी पड़ती थी. राज्य सरकार ने ऐसे 500 से ज्यादा स्कूलों की पहचान कर अब इनका कायाकल्प कर दिया है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी बहुल इलाकों में स्कूल पुनरुद्धार कार्यक्रम शुरू कियाछत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी बहुल इलाकों में स्कूल पुनरुद्धार कार्यक्रम शुरू किया
न‍िर्मल यादव
  • Raipur,
  • Jul 06, 2024,
  • Updated Jul 06, 2024, 5:54 PM IST

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में ग्रामीण इलाकों के बच्चों को जर्जर स्कूलों से निजात मिल गई है. राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने बदहाली से जूझ रहे इन स्कूलों का जीर्णोद्धार कर SC ST Communities के बच्चों को नए सत्र में नई कक्षाओं का तोहफा दिया है. इन स्कूलों की न केवल इमारत जर्जर थी, बल्कि टीचर न होने के कारण श‍िक्षा व्यवस्था भी चौपट हो गई थी. सरकार ने इस समस्या का भी तत्काल प्रभाव से समाधान करते हुए इन स्कूलों में टीचर की भर्ती भी कर दी है. जिन स्कूलों में अभी भी टीचर की कमी है, उनमें Appointment Process चल रही है.

दुरुस्त हुए वनांचल के स्कूल

छत्तीसगढ़ के वनांचल में कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों में कुछ समय पहले तक आदिवासी बच्चों को जर्जर स्कूलों में पढ़ने के लिए जाना पड़ता था. स्कूलों की बदहाली के कारण स्कूलों की Dropout Rate में लगातार इजाफा हो रहा था. राज्य में लगभग 6 माह पहले गठित हुई विष्णुदेव साय सरकार ने इस समस्या पर प्राथमिकता के साथ ध्यान देते हुए इस इलाके के जर्जर स्कूलों की पहचान कर इनका जीर्णोद्धार शुरू किया.

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इसका लाभ कोरबा जिले के ग्राम छातासरई पहाड़ी जैसे अन्य गांवों को मिला है जिनमें कोरवा जनताति की बहुलता है. इस इलाके के स्कूलों में अध्ययन करने वाले सभी विद्यार्थी पहाड़ी कोरवा जनजाति से है. छातासरई गांव के स्कूल में शिक्षक परदेशी राम का कहना है कि स्कूल की इमारत दुरुस्त होने के बाद अब स्कूल में बच्चे भी पढ़ने के लिए आने लगे हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि अब पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को कॉपी-किताबें और ड्रेस भी समय से मिल गई है. स्कूल में कक्षाओं के साथ रसोईघर भी दुरुस्त होने से अब बच्चों को समय से Mid Day Meal मिलने लगा है.

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टीचर की नहीं रहेगी कमी

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोरबा जिले में कुल 536 स्कूलों का जीर्णाेद्धार कराया गया है. इसके अलावा 64 विद्यालयों में जीर्णाेद्धार का कार्य प्रगति पर है. इन स्कूलों में टीचर की कमी को दूर करने के लिए भर्ती करने का काम भी तेजी से चल रहा है.

कोरबा जिले में सीएम साय के निर्देश पर District Administration ने इन स्कूलों में विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के 129 बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर Assistant Teacher सहित अन्य पदों पर भर्ती किया है. कोरबा के कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा सहायक शिक्षक और चपरासी के पदों पर आसपास के विद्यालयों में मानदेय के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया गया है. साथ ही जिले के हायर सेकण्डरी, हाई स्कूलों में रिक्त 118 टीचर के पदों पर भी मानदेय आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिन स्कूलों में टीचर की कमी है, उन्हें जल्द ही नए श‍िक्षक मिल जाएंगे.

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