भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है. दिनों दिन इसके उत्पादन में तेजी आ रही है क्योंकि गन्ने की खेती भी बड़े पैमाने पर होती है. चीनी उत्पादन का सीधा फायदा गन्ना किसानों को मिलता है.
अक्टूबर 2022 का एक आंकड़ा बताता है कि देश में 394 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ है. यह आंकड़ा पिछले साल का है जिसमें अभी और भी तेजी आई है. गन्ने की खेती बढ़ने और गन्ने की पैदावार बढ़ने से चीनी उत्पादन में वृद्धि है.
चीनी के उत्पादन के साथ ही इथेनॉल का उत्पादन भी तेजी से बढ़ रहा है. इथेनॉल की बिक्री से किसानों को 18,000 करोड़ की आमदनी हुई है. यह आंकड़ा भी पिछले साल का है. अभी सरकार का पूरा ध्यान इथेनॉल ब्लेंडिंग पर है जिसके चलते इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है.
पिछले साल का एक सरकारी आंकड़ा बताता है कि गन्ना किसानों को 1.12 लाख करोड़ का पेमेंट जारी किया गया है. यह पेमेंट वही है जो गन्ने की खेती करने वाले किसानों को दिया जाता है. किसान अपना गन्ना चीनी मिलों को बेचते हैं जहां से उन्हें एफआरपी के हिसाब से पैसा मिलता है.
देश में हर साल 5,000 लाख मीट्रिक टन गन्ना का उत्पादन होता है. इस उत्पादन में दिनों दिन तेजी देखी जा रही है क्योंकि चीनी और इथेनॉल उत्पादन के लिए सरकार किसानों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए खास नीतियां भी बनाई गई हैं.
चीनी से इथेनॉल बन रहा है जिससे गन्ना किसानों को फायदा हो रहा है. सरकार ने हालांकि अनाज से भी इथेनॉल बनाने का काम शुरू किया है, लेकिन अभी भी इथेनॉल का मुख्य स्रोत गन्ना और चीनी ही है. इससे गन्ना किसानों को बहुत फायदा हो रहा है उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद मिल रही है.(ग्राफिक्स-संदीप भारद्वाज)