खेतों में धूल फांक रहे सैकड़ों सोलर पंप, किसानों को नहीं मिला स्कीम का लाभ

सरकारी स्कीम

खेतों में धूल फांक रहे सैकड़ों सोलर पंप, किसानों को नहीं मिला स्कीम का लाभ

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किसानों के खेतों को वैकल्पिक ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना शुरू की गई. लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी 300 किसानों को सोलर पंप नहीं मिला है. वहीं जिन किसानों के खेतों में सोलर पंप लगे हैं वे एक साल से पंप चालू होने का इंतजार कर रहे हैं.

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किसानों के खेतों में लगे 250 सोलर पंप धूल फांक रहे हैं. जिले के 650 किसानों का पंजीयन किया गया. किसानों को लाभ मिलने से पहले ही योजना बंद कर दी गयी. वर्ष 2015 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिन किसानों के खेतों में बिजली की सुविधा नहीं है उन्हें वैकल्पिक ऊर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना शुरू की थी.

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भगवानपुरा और झिरन्या ब्लॉक के विद्युत विहीन गांव में करीब 650 पंप स्थापित किए गए थे, लेकिन 3 साल 300 से अधिक पंजीकृत किसानों ने सोलर पंप के लिए अंश राशि पांच हजार ऊर्जा विकास निगम के खाते में जमा कर दी.

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आठ साल बाद आज तक किसानों के खेतों तक सोलर पंप नहीं लग पाए हैं. वहीं जिन किसानों के खेतों में सोलर पंप लगे हैं वह करीब एक साल से चालू नहीं हो पाए हैं. किसान अभी बारिश के भरोसे फसल की सिंचाई कर फसल ले रहे हैं.
 

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भगवानपुरा के राय सागर, धूलकोट, पीपलझोपा, राय जामली सहित 150 से अधिक गांवों के किसानों का पंजीयन किया गया. खरगोन विकासखंड के नागझिरी बड़ागांव, राजपुरा, भोंगा नाला, झिरन्या विकासखंड के काकोड़ा, हरण कुंडिया, कोठबेड़ा, धूपा बुजुर्ग, रॉयल बेड़ा सहित 160 से अधिक गांवों में सोलर पंप नहीं लगे हैं.
 

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डाबरिया किसान गिरधारी पवार का कहना है एक साल हो गया है सोलर पंप लगाकर गए हैं लेकिन अब तक कोई चालू करने कोई नहीं आया है. अभी तो कुछ नहीं ब्याज से पैसे लेकर लग रहे हैं. दूसरों के मोटर पंप से सिंचाई कर रहे हैं.

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किसान सरदार खान का कहना है कि सोलर पंप तो लग गए लेकिन पैसा नहीं मिला. पानी नहीं है. वे पास के कुओं से पानी लाते हैं और बारिश पर निर्भर रहते हैं. उधर, किसान सचिन पाल का कहना है कि अभी तक कुछ नहीं मिला है और न ही काम शुरू हुआ है.
 

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किसानों ने बताया कि कहा गया था कि बिजली की बचत होगी लेकिन पंप चालू ही नहीं किया गया. खेत में बिजली नहीं है तो बारिश के भरोसे सिंचाई कैसे करें. मक्का और सोयाबीन की फसल लगाई है, अब थोड़ी छिटपुट बारिश हुई है तो फसलों में जान आ गई है.