पराली जलाई तो एक साल तक नहीं मिलेगी CM Kisan Nidhi की किस्त, मोहन सरकार का बड़ा फैसला

पराली जलाई तो एक साल तक नहीं मिलेगी CM Kisan Nidhi की किस्त, मोहन सरकार का बड़ा फैसला

अभी हाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया था कि सरकार पराली जलाने वालों के खिलाफ बेहद सख्त है. यह भी बताया था कि आने वाले दिनों में ऐसा फैसला करेंगे कि जो भी पराली जलाने का दोषी होगा, उसे सालभर सीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

भोपाल में 3 महीने तक पराली जलाने पर रोकभोपाल में 3 महीने तक पराली जलाने पर रोक
क‍िसान तक
  • Bhopal,
  • Apr 29, 2025,
  • Updated Apr 29, 2025, 8:22 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में मंगलवार को दो बड़े फैसले लिए गए हैं. इसकी जानकारी बैठक के तुरंत बाद दी गई. पहला फैसला पराली जलाने से जुड़ा है जिसमें सरकार ने साफ कर दिया है कि जो किसान पराली जलाते हुए पकड़े जाएंगे उन्हें एक साल तक किसान सम्मान निधि नहीं मिलेगी. इस स्कीम के तहत साल में 6,000 रुपये मिलते हैं. इस तरह मध्य प्रदेश के निर्णय के मुताबिक किसान को सालभर के तीन किस्त यानी 6,000 रुपये नहीं मिलेंगे, अगर वह पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है. दूसरा फैसला ट्रांसफर नीति से जुड़ा है जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया. इस फैसले के मुताबिक, मध्य प्रदेश में एक मई से 30 मई तक ट्रांसफर पर लगी रोक हटाई जाएगी.

सरकार के दो बड़े फैसले क्या हैं?

कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी. उन्होंने कहा, पराली जलाने वाले किसानों की 1 साल के लिए किसान सम्मान निधि रुक जाएगी. उन्होंने कहा, छोटे से लालच के लिए किसान बड़ा नुकसान ना करें. पर्यावरण को ठीक रखने के लिए दंड देने का फैसला किया है. इसके अलावा ट्रांसफर नीति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, स्थानांतरण नीति को स्वीकृति दी है जिसमें 1 मई से 30 मई तक स्थानांतरण होंगे. इन तिथि के बीच ही ट्रांसफर होंगे, इसके बाद स्थानांतरण नहीं हो पाएगा. 200 पदों में 20 परसेंट ही ट्रांसफर होंगे, 200 से लेकर 1000 तक 15 परसेंट ट्रांसफर होंगे, एक से लेकर 2000 तक 10 परसेंट ट्रांसफर होंगे. स्वैच्छिक आवेदन को भी स्वीकार किया जाएगा.

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MSP पर फसल भी नहीं खरीदी जाएगी

हाल में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि जो किसान पराली जलाते पकड़े जाएंगे उनकी फसल एमएसपी पर नहीं खरीदी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले साल पराली जलाने वाले किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल नहीं खरीदेगी. उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है. फसल कटाई के बाद पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं ने वायु प्रदूषण सहित कई तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है. इस समस्या को निपटाने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही इस काम पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बावजूद अगर कोई किसान अपने खेत में पराली जलाता है तो उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलेगा."

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मध्य प्रदेश में पराली बनी बड़ी समस्या

सरकार को इतना कड़ा फैसला इसलिए लेना पड़ा है क्योंकि मध्य प्रदेश में पराली जलाने की समस्या गंभीर होती जा रही है. पहले पराली के मामले में पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य बदनाम थे, मगर बाद में इसमें मध्य प्रदेश भी जुड़ गया. इस बदनामी को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने कई कार्रवाई की. हाल के दिनों में कई किसानों पर जुर्माना लगाया गया. गेहूं की कटनी के बाद किसानों ने खेतों में आग लगाई थी जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई की. अब कैबिनेट फैसले से साफ हो गया कि पराली जलाने वाले किसानों को सीएम किसान योजना का लाभ सालभर नहीं मिलेगा. साथ ही एमएसपी पर उपज भी नहीं खरीदी जाएगी. (अमृतांशी जोशी का इनपुट)

 

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