जमशेदपुर से सटा पटमदा क्षेत्र कृषि प्रधान है, यहां के ज्यादातर किसान सब्जी की खेती करते हैं. यहां खासकर टमाटर, कद्दू, बैंगन, गोभी, फूलगोभी, बंद गोभी, मिर्ची सहित विभिन्न सब्जियों की खेती होती है. लेकिन कम समय तक ताजा रहने वाली इन फसलों को लेकर किसान काफी परेशान थे, क्योंकि क्षेत्र में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं था, जहां वे लोग कृषि उपज को स्टोर करके रख सकें और सब्जियों-फलों को बचा सके. यहां की सब्जियां झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम के विभिन्न शहरों और मंडियों तक जाती है. लेकिन किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है.
इस साल यहां टमाटर 1 रुपये किलो बिका, जो लागत मूल्य से काफी कम था. ऐसे में किसानों ने ट्रांसपोर्ट के नुकसान से बचने के लिए खेत में ही टमाटर की उपज सड़ने के लिए छोड़ दी. यही हाल गोभी का भी रहा, जिसकी कीमत 2 रुपये किलो हो गई थी, ऐसे में किसानों ने गोभी के साथ भी यही किया और खेत में ही फसल नष्ट कर दी थी.
इस क्षेत्र में आसपास कोई बड़ी सब्जी मंडी न होने के कारण फसल तुरंत मंडी नहीं पहुंच पाती है और सुदूर मंडियों तक पहुंचने पर ज्यादा ताजा न होने के कारण अक्सर कम दाम पर बिकती है. ऐसे में किसानों ने सब्जी-फलों को ताजा रखने की कोशिश में
कई बार स्थानीय विधायक से बात कर कोल्ड स्टोरेज की मांग की और आखिरकार अब विधायक की पहल पर झारखंड के मुख्यमंत्री ने पटमदा के किसानों को बंद पड़े एक कोल्ड स्टोरेज को चालू कर सुरक्षित भंडारण की सौगात दी है.
कोल्ड स्टोरेज का उद्घाटन के साथ ही यहां अभी सिर्फ फलों जैसे सेब, अंगूर और संतरा का भंडारण किया जा रहा है. बड़ी संख्या में किसान फल सुरक्षित करने के लिए इसका सहारा ले रहे हैं. किसान इस बात को लेकर काफी खुशी हैं कि आने वाले दिनों में जब उनकी फसल पक जाएगी और बाजार मूल्य कम होगा तब वे अपनी फसलों को लाकर कोल्ड स्टोरेज में रखेंगे और उचित दाम पर बेचेंगे.
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कोल्ड स्टोरेज के संचालक रंजीत कुमार साहू ने कहा हम शुरुआती दौर में फलों को रख रहे हैं. यह कोल्ड स्टोरेज काफी बड़ा है और आने वाले दिनों में हम यहां आलू का संग्रह कर सकते हैं. जिस आलू के लिए हमें बंगाल और ओडिशा पर निर्भर रहना पड़ता है, अब इस कोल्ड स्टोरेज के बनने से यहां के किसानों को अपनी आलू को यहां रखने में सुविधा होगी या हम यूं कह सकते हैं कि पूरे कोल्हान में अगर सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन होता है कहीं तो वह पटमदा में होता है, इसलिए इस बार यहां के किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. अब यहां के किसानों को अपनी सब्जियों को खेतों में नहीं छोड़ना पड़ेगा या आने-पौने भाव में बाजार में नहीं बेचना पड़ेगा.
वहीं, पटमदा के कृषि संयोजक राजेश कुमार ने कहा कि पटमदा सब्जियों का हब है. इस इलाके में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं था. कोल्ड स्टोरेज बना था लेकिन इसका संचालन नहीं हो पा रहा था, विगत 5 वर्षों से इस साल किसानों का सब्जी काफी नुकसान हुआ तो सरकार ने आनन-फानन में एक कोल्ड स्टोरेज को चालू कराया है. यह काफी बड़ा 5000 मीट्रिक टन की क्षमता वाला कोल्ड स्टोरेज है.
वहीं, क्षेत्र के विधायक मंगल कालिंदी ने कहा कि मैंने यहां के किसानों का दर्द देखा है. किसान अपनी सब्जियों को खेतों में छोड़ रहे थे, क्योंकि इन्हें इनकी लागत मूल भी नहीं मिल रही थी उनके पास कोई साधन नहीं था कि अपने सब्जियों को यह कोल्ड स्टोरेज में रख सकें हमने मुख्यमंत्री से बात की और मुख्यमंत्री ने पहल की कि यहां बंद पड़ा कोल्ड स्टोरेज बनकर जो तैयार था, उसको चालू किया गया. अभी शुरुआती दौर में कोल्ड स्टोरेज में फलों को रखा जा रहा है. कोल्ड स्टोरेज बनने से पटमदा के किसानों को अब काफी लाभ होगा. (अनूप सिन्हा की रिपोर्ट)