झारखंड में बागवानी मिशन द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करने की मांग को लेकर झारखंड किसान महासभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख के साथ उनके आवासीय कार्यालय में मुलाकात की. इस दौरान झारखंड किसान महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज राय ने प्रदेश के बागवानी मिशन द्वारा संचालित समस्त योजनाओं की समीक्षा करने के लिए कृषि मंत्री ने निवेदन किया कहां कि किसान महासभा द्वारा तमाम ऐसे आंकड़े इकट्ठे किए गए हैं जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि विभागीय स्तर पर कृषि उपकरणों की खरीद बिक्री के नाम पर बहुत बड़ीअनियमितता बरती गई है.
हाल ही में एक विभाग द्वारा प्रिजर्वेशन यूनिट की खरीद में अनियमितता के मामले को मीडिया में प्रमुखता से उठाया गया था. इस मामले को लेकर पंकज राय ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि प्रदेश में किसानों और विभाग के बीच किसी प्रकार का संवाद नहीं है, दोनों के बीच दूरी है ऐसे में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाएं कैसे सफलल होगी.
पंकज राय ने कहा कि राज्य में योजनाओं एवं नीतियों के निर्माण में किस तरीके के मापदंड अपनाए जाते हैं. इसके बारे में किसानों से किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं ली जाती है. विभाग द्वारा संचालित लगभग सभी योजनाएं या तो बेकार हैं या उनके नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिस पर कृषि मंत्री को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के चलते प्रदेश के किसानों को लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है.
बीते एक महीने में हाथियों के कारण फसल तथा 50 लाख से ज्यादा के उपकरण एवं दो लोगों की मौत हो जाने के बावजूद भी कृषि विभाग के स्तर से कोई बयान नहीं आता है, जो की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. इन परिस्थितियों से निपटने के लिए विभाग स्पष्ट नीति बनाए. महासभा के महासचिव उपेंद्र गुरु जी ने कहा कि झारखंड में मोटे अनाजों के उत्पादन की अकूत संभावना है. अगर सही नीतियों एवं योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए तो झारखंड मड़ुआ के उत्पादन के साथ-साथ अन्य मोटे अनाजों के उत्पादन में अग्रणी राज्य बन सकता है .
वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि झारखंड किसान महासभा द्वारा दिए गए सारे सुझाव पर संज्ञान लिया जाएगा और जल्द ही राज्य में किसानों और विभागीय अधिकारियों के बीच बैठक कराई जाएगी. ताकि संचालित योजनाओं की समीक्षा हो पाए और एक बेहतर भविष्य के लिए योजना बनाई जा सके. इस मौके पर झारखंड किसान महासभा द्वारा कृषि मंत्री को 10 सूत्री ज्ञापन भी सौंपा गया.
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