प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षतिपूर्ति का झारखंड के किसानों को मिलेगा मुआवजा, फसल राहत योजना लेकर आ रही सरकार

प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षतिपूर्ति का झारखंड के किसानों को मिलेगा मुआवजा, फसल राहत योजना लेकर आ रही सरकार

झारखंड फसल राहत योजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत 10 डिसमील से लेकर अधिकतम पांच एकड़ तक में हुए फसल नुकसान की भारपाई सरकार की तरफ से की जाएगी.

झारखंड फसल राहत योजना                 फाइल फोटोः किसान तकझारखंड फसल राहत योजना फाइल फोटोः किसान तक
पवन कुमार
  • Ranchi,
  • Aug 16, 2023,
  • Updated Aug 16, 2023, 8:34 PM IST

झारखंड में अब किसानों के फसलों को हुए नुकसान के लिए आर्थिक नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा. राज्य सरकार ने किसानों प्राकृतिक आपदा के कारण हुए आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए फसल राहत योजना की शुरुआत की है. किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2022-23 में इस योजना को शुरु किया गया था. फसल राहत योजना के तहत अब आवेदन और निबंधन की प्रक्रिया शुरु हो गई है. इसके तहत प्राकृतिक आपदा जैसे अधिक बारिश, ओलावृष्टि समेत अन्य प्राकृतिक कारणों से हुए फसलों के नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति दी जाएगी. योजना का लाभ केवल उन किसानों को ही दिया जाएगा जिन्होंने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया है. 

झारखंड फसल राहत योजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत 10 डिसमील से लेकर अधिकतम पांच एकड़ तक में हुए फसल नुकसान की भारपाई सरकार की तरफ से की जाएगी. इस योजना मे अब खरीफ की दो फसल धान और मकई को भी शामिल किया गया है. मकई और धान को इसमें शामिल करने से इसका दायरा बढ़ गया है और अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा. झारखंड के लिए यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यहां पर धान और मकई की खेती अधिक मात्रा में की जाती है. 

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ

योजना से जुड़ी जानकारी देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया की राज्य में रहने वाले सभी स्थानीय निवासी और बंटाईदार किसान, रैयत किसानों को मिलेगा. आवेदन करने वालों किसानों को अपना आधार कार्ड को बॉयोमेट्रिक्स प्रणाली के जरिए प्रमाणित करना होगा. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को किसी प्रकार की प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भारपाई करने के लिए फसल क्षतिपूर्ति का निर्धारण क्रॉप कटिंग एक्सपेरीमेंट के आधार पर किया जाएगा. 

प्रज्ञा केंद्र में जाकर करना होगा आवेदन

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को इससे जुड़ने के लिए अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र में जाकर अपना आवेदन करना होगा. आवदेन से पहले किसानों को प्रज्ञा केंद्र मेंही जाकर अपना निबंधन कराना होगा. नुकसान की क्षतिपूर्ति करने के लिए आवेदन देने पर किसानों को इसके लिए 10 रुपये की राशि का भुगतान करना होगा. वहीं नया निबंधन और आवेदन करने वाले किसानों को 40 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा. वहीं अगर किसान खुद से आनलाइन निबंधन और आदेवन करते हैं तो उन्हें सीएससी या प्रज्ञा केंद्र से ई केवाईसी कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा. 

 

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