बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष हैं. इस चुनावी वर्ष में कृषि विभाग किसानों के साथ संवाद के माध्यम से खेती से जुड़ी जानकारी और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का काम कर रहा है. इसी कड़ी में राज्य के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने 'किसान कल्याण संवाद' कार्यक्रम के तहत बक्सर जिले का दौरा किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में नवाचार, युवाओं की भागीदारी और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करेंगे. यह संवाद कार्यक्रम किसानों की भागीदारी, सुझावों और सक्रिय सहयोग के माध्यम से कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
गौरतलब है कि कृषि मंत्री सिन्हा ने 'किसान कल्याण संवाद' कार्यक्रम की शुरुआत सीतामढ़ी जिले से की थी. इस कार्यक्रम के तहत उनका दूसरा आयोजन मंगलवार को बक्सर जिले में हुआ, जहां उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं. साथ ही, कार्यक्रम के दौरान “कृषक युवा कल्याण सम्मान” के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत किसानों को सम्मानित किया गया. इनमें बीज उत्पादन के क्षेत्र में उपेंद्र सिंह, जैविक खेती के लिए विनोद तिवारी, मशरूम उत्पादन के लिए सरिता देवी और सोनाचूर चावल की खेती के लिए कमलेश पांडेय को विशेष रूप से सम्मानित किया गया.
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कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के साथ हर परिस्थिति में खड़ी है, चाहे वह डीजल अनुदान हो या फसल क्षति पर मुआवजा. बिहार सरकार भी किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान, जलवायु अनुकूल खेती, बीज वितरण, प्रशिक्षण और ग्रामीण कृषि बाजारों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि “किसान की कोई जाति नहीं होती, वह अन्नदाता होता है. कृषि हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के कुछ किसान एक एकड़ ज़मीन से लाखों रुपये कमा रहे हैं, जबकि अभी भी कई किसान सीमित आय पर निर्भर हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि किसान खेती से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण लेकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं. इसके लिए अन्य राज्यों में जाकर नवीन तकनीकों को अपनाने की सलाह भी दी गई. उन्होंने मखाना की खेती को बढ़ावा देने की बात भी कही. आगे उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी सफलता की कहानी और खेती से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं. यदि सरकार, अधिकारी और किसान आपसी सहयोग से काम करें, तो खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है.
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