किसान आंदोलन अब एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है. पिछले साल 13 फरवरी से शुरू हुए आंदोलन के बाद सरकार ने इस साल 14 फरवरी को किसानों से पांचवें दौर की बात की. इस बातचीत के दौरान उनसे 22 फरवरी को छठी बार बात करने की तारीख तय गई. 22 फरवरी को शिवराज सिंह चौहान खुद किसानों से मिले. अनशन पर बैठे किसान नेता डल्लेवाल से भी मिले. इस बातचीत के बाद अब सातवें दौर की बातचीत के लिए 19 मार्च की तारीख तय की गई है. किसानों की कई मांगें हैं जिनमें से एक अहम मांग है एमएसपी की लीगल गारंटी. इसे देने को लेकर सरकार अभी विचार कर रही है और किसान संगठन यानी किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा इस मांग पर अड़े हैं. ये तो हुई अब तक की कहानी लेकिन इस कहानी में ट्विस्ट ले आए हैं किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी जिन्होंने ये कह दिया है कि एमएसपी की लीगल गारंटी से जुड़ी जो मांग किसान संगठन कर रहे हैं उनसे पंजाब और हरियाणा के किसानों को नुकसान होने वाला है. इस पर अभिमन्यु कोहाड़ ने भी प्रतिक्रिया दी है.