Flood Relief: AAP का केंद्र पर वार, पंजाब बाढ़ राहत में मिली सिर्फ "झूठी" मदद!

Flood Relief: AAP का केंद्र पर वार, पंजाब बाढ़ राहत में मिली सिर्फ "झूठी" मदद!

पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ पर AAP ने केंद्र सरकार की मदद में देरी और कम राहत पैकेज को लेकर विधानसभा में कड़ा विरोध जताया. जानिए बाढ़ से हुए नुकसान और राजनीतिक विवाद की पूरी जानकारी.

AAP ने केंद्र की ‘टोकन राहत’ पर जताया गहरा गुस्साAAP ने केंद्र की ‘टोकन राहत’ पर जताया गहरा गुस्सा
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 27, 2025,
  • Updated Sep 27, 2025, 3:04 PM IST

पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. इस दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें केंद्र सरकार की बाढ़ राहत पैकेज को लेकर उदासीनता की कड़ी निंदा की गई है. आइए जानते हैं इस प्रस्ताव के मुख्य बिंदु और पंजाब में बाढ़ की स्थिति.

केंद्र की उदासीनता पर कड़ी निंदा

AAP सरकार ने केंद्र की भाजपा-led सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने बाढ़ पीड़ित पंजाब के लिए वित्तीय सहायता में गंभीर देरी की है. पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को कई बार मिलने की मांग की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसे पंजाब की जनता के साथ अपमान बताया गया.

बाढ़ राहत के लिए मांगा गया बड़ा पैकेज

पंजाब में आई बाढ़ को 1988 के बाद सबसे विनाशकारी बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से कम से कम 20,000 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में केवल 1,600 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया था. इसके अलावा पहले से ही पंजाब के पास 12,000 करोड़ रुपये उपलब्ध थे.

वित्त मंत्री का केंद्र पर हमला

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक केंद्र ने घोषित 1,600 करोड़ रुपये में से एक भी रुपया पंजाब को नहीं भेजा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने का पत्र भी लिखा था.

विपक्ष का आरोप- प्रशासनिक असफलता

विपक्ष ने भी इस बाढ़ के लिए प्रशासनिक असफलता को जिम्मेदार ठहराया है. नेता प्रतिपक्ष पार्टप सिंह बजवा ने बाढ़ को एक प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि सरकारी लापरवाही का परिणाम बताया. उन्होंने उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र जांच की मांग की है ताकि जिम्मेदारों को सजा दी जा सके.

बाढ़ से हुई भारी नुकसान

पंजाब में बाढ़ के कारण 57 लोगों की मौत हुई और लगभग पांच लाख एकड़ फसलों को नुकसान पहुंचा. यह बाढ़ मुख्य रूप से सूतलज, बीज और रावी नदियों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण आई. पंजाब में भी भारी बारिश ने स्थिति को और बिगाड़ दिया.

पंजाब की यह बाढ़ एक बड़ी मानव और आर्थिक आपदा साबित हुई है. AAP सरकार ने केंद्र की उदासीनता और कम वित्तीय सहायता को लेकर विधानसभा में कड़ा विरोध जताया है. साथ ही, विपक्ष ने भी प्रशासन की कमियों को उजागर करते हुए व्यापक जांच की मांग की है. अब देखना होगा कि केंद्र सरकार पंजाब की मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत मिलती है या नहीं.

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