ओडिशा के इन गांवों के किसानों को नहीं मिल रहा पीएम फसल बीमा योजना का लाभ, जानें क्‍यों

ओडिशा के इन गांवों के किसानों को नहीं मिल रहा पीएम फसल बीमा योजना का लाभ, जानें क्‍यों

ओडिशा के कटक जिले में नए गठित रेवेन्‍यू गांवों के किसानों के सामने एक नई मुसीबत पैदा हो गई है. ये किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए अप्‍लाई करने में असमर्थ हैं. पीएमएफबीवाई के लिए अप्‍लाई करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी. हालांकि, पीएमएफबीवाई के लिए आवेदन करने में किसानों को हो रही समस्‍याओं के मद्देनजर आखिरी तारीख को बढ़ाकर 10 अगस्त कर दिया गया था.

ओडिशा के किसान क्‍यों नहीं कर पा रहे हैं फसल बीमा योजना के लिए अप्‍लाई  ओडिशा के किसान क्‍यों नहीं कर पा रहे हैं फसल बीमा योजना के लिए अप्‍लाई
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 12, 2024,
  • Updated Aug 12, 2024, 3:40 PM IST

ओडिशा के कटक जिले में नए गठित रेवेन्‍यू गांवों के किसानों के सामने एक नई मुसीबत पैदा हो गई है. ये किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए अप्‍लाई करने में असमर्थ हैं. ओडिशा सरकार ने साल 2021 में राज्य भर में 4000 बस्तियों को रेवेन्‍यू गांव का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू की थी. इस प्रक्रिया का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि सभी लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक की तरफ से मिले आदेश के बाद रेवेन्‍यू एंड डिजास्‍टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की तरफ से इस प्रक्रिया को शुरू किया गया था. 

तो यह है असली वजह 

पीएमएफबीवाई के लिए अप्‍लाई करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी. हालांकि, पीएमएफबीवाई के लिए आवेदन करने में किसानों को हो रही समस्‍याओं के मद्देनजर आखिरी तारीख को बढ़ाकर 10 अगस्त कर दिया गया था.  लेकिन, नए गांवों के किसान जन सेवा केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) पर अपनी जमीन के अधिकार रिकॉर्ड डाउनलोड करने में असमर्थ हैं क्योंकि गांवों को अभी भी मौजूदा ग्राम पंचायतों में शामिल नहीं किया गया है. पीएमएफबीवाई के लिए रजिस्‍ट्रेशन के लिए किसानों की तरफ से उपयोग किए जाने वाले पोर्टल पर नए बने गांवों के नाम नहीं हैं.  

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कोशिशों के बाद भी कुछ नहीं हुआ 

न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस ने इन गांवों में से ही एक गांव के किसान के हवाले से लिखा, 'हमने अपने पुराने रेवेन्‍यू गांवों के नाम दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन पोर्टल ने इसे स्वीकार नहीं किया.'  निश्चिन्तकोइली ब्लॉक के पटसुरा और ब्रजराजपटना गांवों के किसानों ने कहा कि वे काफी मुश्किलों के बाद 25 जुलाई को इंटरनेट से अपने आरओआर डाउनलोड कर पाए. इसके बाद उन्होंने कर्ज लेकर खरीफ की खेती शुरू की. उन्होंने बताया, 'हालांकि हम हर जगह चक्कर लगा रहे हैं और मामले को राजस्व अधिकारियों के संज्ञान में ला रहे हैं. लेकिन हमारी परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया है.' 

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पूरे मुद्दे पर खामोश हैं अधिकारी 

किसानों का आरोप है कि वो इस मसले को कटक के एडीएम (रेवेन्‍यू) के संज्ञान में भी लाए थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सूत्रों की मानें तो समस्या सिर्फ दो गांवों के किसानों तक सीमित नहीं है. जिले के 15 ब्लॉकों के 19 नए गांवों के किसान रेवेन्‍यू ऑफिसर्स की उदासीनता की वजह से अपनी खरीफ फसल का बीमा नहीं करा पा रहे हैं. इस मुद्दे पर कटक कलेक्टर के प्रभारी एडीएम (राजस्व) उमाकांत राज ने भी कोई प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया. 

 

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