MSP सुधार, GST से छूट, पीएम किसान के पैसे डबल- बीकेयू ने प्री-बजट मीटिंग में रखी कई मांगेें

MSP सुधार, GST से छूट, पीएम किसान के पैसे डबल- बीकेयू ने प्री-बजट मीटिंग में रखी कई मांगेें

वित्‍त मंत्रालय केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए विभ‍िन्‍न सेक्‍टरों के लीडर्स, जानकार व राज्‍य के अध‍िकारि‍यों के संग प्री-बजट परामर्श बैठकें कर रहा है. इस बीच, आज कृषि क्षेत्र को लेकर बजट पूर्व परामर्श बैठक हुई. इसमें किसान संगठन बीकेयू (अराजनैतिक) ने सरकार को सुझाव दिए और कई मांगें सामने रखी हैं.

Pre budget Meeting On Agriculture Sector, Agriculture Sector Budget DiscussionPre budget Meeting On Agriculture Sector, Agriculture Sector Budget Discussion
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 08, 2024,
  • Updated Dec 08, 2024, 7:30 AM IST

शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 के लिए इनपुट और सुझाव लेने के लिए कई किसान संगठनों और मुख्‍य कृषि अर्थशास्त्रियों के साथ एक प्री-बजट मीटिंग की. इसमें वित्त मंत्रालय के विशेषज्ञ, उद्योग जगत के लीडर्स, अर्थशास्त्री और राज्य के अधिकारियों शामिल हुए. इस परामर्श बैठक में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने केंद्रीय बजट 2025-26 से पहले कई मांगें उठाई हैं. बैठक में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक शामिल हुए.

इन चीजों से GST हटाने की मांग

धर्मेंद्र मलिक ने किसानों का पक्ष रखते हुए वित्‍त मंत्री से कृषि उपकरण (मशीनरी), पशु और मुर्गी चारा, खाद-बीज, दवाइयों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की मांग की है. किसान संगठन ने सरकार को दिए अपने सुझाव को लेकर तर्क दिया कि जब राज्यों में सेल्‍स टैक्‍स की व्यवस्था थी, तब भी किसान की जरूरतों से जुड़ी चीजें टैक्‍स-फ्री थे. बीकेयू (अराजनैतिक) ने कहा कि एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर सबसे ज्‍यादा रोजगार पैदा करता है, लेकिन फिर भी यह सेक्‍टर लंबे समय से इसकी अनदेखी हो रही है.

MSP फॉमूले में सुधार की मांग

बीकेयू ने सरकार से फसलों पर एमएसपी देने के फॉर्मूले में सुधार करने की भी मांग रखी है. बीकेयू ने कहा कि एमएसपी तय करते समय संभावित जोखिमों - कटाई के बाद के होने वाले खर्च और नुकसान जैसे- सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट, सरकार द्वारा अपने कृषि उत्पादों को खुले बाजार में बेचने के कारण कीमतों में गिरावट का जोखिम, प्राकृतिक आपदा, निर्यात प्रतिबंध आदि को भी शामिल किया जाना चाहिए.

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'इंपोर्ट MSP से कम कीमत पर न हो'  

बीकेयू ने वित्‍त मंत्री सीतारमण के सामने यह भी सुझाव दिया कि किसी भी हाल में एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट्स न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर इंपोर्ट नहीं किए जाने चाहिए. साथ ही, न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) का कोई भी अधिरोपण सिर्फ आपातकालीन स्थितियों में ही होना चाहिए.

इन उत्‍पादों को MSP में लाने की मांग

किसान संघ ने सभी प्रमुख फल और सब्जियां, दूध और शहद को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के दायरे में लाने का भी सुझाव दिया है. इसके अलावा उन्‍होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छोटे किसानों के लिए बीमा प्रीमियम शून्य करने की मांग की है, ताकि वे बीमा योजना का लाभ उठा सकें.

PMKSNY की राशि डबल करने का सुझाव

वहीं, पीएम किसान किस्त की राशि मौजूदा 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये सालाना की जानी चाहिए. एग्री सेक्‍टर को पुनर्जीवित करने के लिए लंबी अवधि के कृषि लोन देने की जरूरत बताई. बीकेयू ने सुझाव दिया कि किसानों को कृषि लोन और कृषि उपकरण लोन 1 प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाने चाहिए. ये लोन कम से कम उन किसानों को तो दिए जाने चाहि‍ए जिनका पिछला लोन चुकाने का रिकॉर्ड अच्छा है.

अन्य सुझाव देते हुए बीकेयू ने कहा कि खेती को संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची में शामिल किया जाना चाहिए और भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर भारतीय कृषि सेवा का एक सेंट्रल कैडर बनाया जाना चाहिए. बीकेयू ने किसानों को मंडियों में ग्रेडिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग की सुविधाएं देने की मांग भी रखी है. (एएनआई)

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