उद्योगपति और दो बार के सांसद नवीन जिंदल ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल कर ली है. चुनाव आयोग की तरफ से भी इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी गई है. जिंदल ने आम आदमी पार्टी (आप) के सुशील गुप्ता के खिलाफ 29,021 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. कांग्रेस पार्टी के साथ दो दशक तक जुड़े रहने के बाद 54 साल के जिंदल 24 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. जिस दिन वह पार्टी में शामिल हुए उसी दिन कुरुक्षेत्र से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया. हैरानी की बात है कि जिस समय जिंदल चुनाव प्रचार कर रहे थे तो उन्हें किसानों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा था.
जिंदल ने साल 2004 में पहली बार लोकसभा चुनावों में कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. तब उन्होंने 31.26 फीसदी वोट के अंतर से जीत दर्ज की और अपने राजनीतिक करियर का आगाज किया. साल 2009 में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए गठबंधन सत्ता में लौटा तो उस समय भी उन्होंने सीट बरकरार रखी. लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनावों में जिंदल राज कुमार सैनी से अपनी सीट हार गए. फिर साल 2019 में कांग्रेस पार्टी ने उनकी जगह निर्मल सिंह को टिकट दे दिया. निर्मल सिंह बीजेपी नेता और हरियाणा के मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हार गए. ऐसे में जिंदल 10 साल बाद फिर से संसद में वापसी करेंगे.
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जिस समय वह कांग्रेस पार्टी के सांसद थे उस समय उनके पास गृह मामलों, रक्षा और भारतीय संसदीय समूह के कार्यकारी सदस्य पर स्थायी समिति के सदस्य के तौर पर जिम्मेदारियां थीं. कुरुक्षेत्र में 25 मई को छठे चरण में मतदान हुआ था और करीब 66.2 फीसदी वोटर टर्नआउट रहा. इस निर्वाचन क्षेत्र में रादौर, पेहोवा, लाडवा, शाहाबाद, थानेसर, गुहला, कलायत, कैथल और पुंडरी सहित नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.
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नवीन जिंदल जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के अध्यक्ष हैं. उनकी मां सावित्री जिंदल ओपी जिंदल समूह की अध्यक्ष हैं और 35.5 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ भारत की सबसे अमीर महिला हैं. जिंदल को सभी भारतीयों को हर दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार दिलाने के उनके प्रयासों के लिए जाना जाता है. तिरंगे के लिए उनका अभियान सन् 1992 की में शुरू हुआ जब उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में अपनी फैक्ट्री में इसे फहराया. 543 सीटों के लिए लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होकर सात चरणों में हुए थे, जिसका अंतिम चरण 1 जून को हुआ था.