किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को 'पंजाब बंद' का आह्वान किया है. साथ ही पंढेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की है. पंढेर ने कहा कि 'बंद' का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने लिया है.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "30 दिसंबर को पूर्ण 'बंद' रहेगा." अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंढेर ने कहा कि 'बंद' के दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी. उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत लोगों से 'बंद' को सफल बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, "जैसे 'रेल रोको' विरोध सफल रहा. उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए."
पंजाब में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर पंजाब में तीन घंटे के 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन के तहत किसानों ने बुधवार को 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया.
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फिरोजपुर डिवीजन के रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध के कारण 12 ट्रेनें रद्द कर दी गईं, दो-दो को शॉर्ट टर्मिनेट और शॉर्ट ओरिजिनेट किया गया और 34 ट्रेनें देरी से चलीं.
इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन गुरुवार को 24वें दिन में प्रवेश कर गया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को यह कहे जाने पर कि उसके दरवाजे हमेशा किसी भी सुझाव के लिए खुले हैं, एक सवाल का जवाब देते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि उन्होंने डल्लेवाल और अन्य नेताओं से सलाह ली है.
कोहाड़ ने कहा, "हम कहना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है. हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं. लेकिन हम यह जानना चाहते हैं कि डल्लेवाल का स्वास्थ्य क्यों बिगड़ रहा है. जब तक हम समस्या के मूल कारण तक नहीं पहुंचेंगे, तब तक इसका समाधान नहीं हो सकता."
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, जब पुलिस ने उनके दिल्ली कूच को रोक दिया था.
101 किसानों के एक "जत्थे" (समूह) ने 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने के तीन प्रयास किए. हरियाणा में सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी.
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फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की मांग कर रहे हैं.