पंजाब में 1 अप्रैल से एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारू चक ने रविवार को लुधियाना में लुधियाना, मोगा, फरीदकोट, फिरोजपुर और बरनाला जिलों के अफसरों के साथ बैठक में तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद चलने तक ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को कोई छुट्टी नहीं मिलेगी. मंत्री ने कहा कि पूरे पंजाब में 1,864 अनाज मंडियों में गेहूं खरीद के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं. फसल बेचने के लिए आने वाले किसानों को पीने के पानी, बोरियों, पंखों, ट्रांसपोर्ट सुविधाओं, सफाई और आवास जैसी सुविधाओं को लेकर किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.
‘दि ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में मंत्री ने कहा कि राज्य में इस साल गेहूं की बंपर पैदावार की उम्मीद है और 124 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य तय किया गया है. राज्य ने 28,894 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट की व्यवस्था की है. वहीं, भंडारण के लिए भी पर्याप्त जगह है और साथ ही बोरियों की भी अच्छी सप्लाई है. मंत्री ने बताया कि राज्य में नियमित के अलावा 600 अस्थायी यार्ड भी गेहूं खरीद के लिए बनाए गए हैं. गेहूं बेचने वाले किसानों को 24 घंटे के अंदर पैसों का भुगतान उनके खातों में किया जाएगा. किसानों को 2,425 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी दिया जा रहा है.
वहीं, शनिवार को पुलिस ने मुक्तसर में एक किसान नेता को एहतियातन हिरासत में ले लिया. वह कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुद्डियां से सवाल पूछने के लिए आया था. थोड़ी देर बाद ही किसान नेता को एसडीएम कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. घटना स्थानीय अनाज मंडी में जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण शिविर के दौरान की है. पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किसान नेता निर्मल सिंह ने जमानत की मांग नहीं की, इसलिए उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेता जस्सियाना गांव का रहने वाला है और वह जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व वाले भारती किसान यूनियन (एकता-सिद्धूपुर) का मेंबर है. नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अफसर ने बताया कि जब मंत्री सभा को संबोधित कर रहे थे, तब किसान नेता ने कार्यक्रम के दौरान हंगामा कर माहौल खराब करने की कोशिश की. हालांकि, मंत्री ने किसान नेता की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है.