अररिया में पुल ढहने की सुर्खियों के बीच एक अनोखे पुल निर्माण की नई कहानी सामने आई है. रानीगंज प्रखंड के परमानंदपुर गांव में खेत के बीचों-बीच 3 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से सड़क और पुल का निर्माण किया गया है. यहां न तो सड़क है और न ही एप्रोच रोड. खेत के बीचों-बीच इस पुल को बना दिया गया है. यहां तक कि यह बताने के लिए बोर्ड भी नहीं लगाया गया है कि किस योजना के तहत यह पुल बनाया गया है. जबकि यह ग्रामीण कार्य विभाग की योजना है. अब ग्रामीण हैरान और परेशान हैं कि जब पुल तक पहुंचने के लिए दोनों तरफ सड़क ही नहीं है तो ऐसे पुल का क्या करेंगे.
सरकार के इस अनोखे पुल को देखकर स्थानीय ग्रामीण अपना सिर खुजला रहे हैं. आपको बता दें कि 18 जून को अररिया के पड़रिया घाट पर बना पुल ध्वस्त हो गया था, जिसके बाद से पुल निर्माण पर बड़े सवाल उठने लगे थे. इसी बीच इस अनोखे पुल की चर्चा ने आम जनता और प्रशासन को सकते में डाल दिया है. दरअसल ग्रामीण कार्य विभाग का यह पुल 3 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत का है. लेकिन पुल तो बन गया लेकिन उसके बाद कोई सरकारी जमीन नहीं बची जिस पर सड़क या एप्रोच रोड बनाया जा सके. लोगों का कहना है कि अब सिर्फ निजी जमीन बची है जिसका ख्याल योजना पास होने से पहले नहीं रखा गया. कहीं न कहीं अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से पैसे हड़पने की नीयत से ऐसा किया गया हो. लेकिन अब यह पुल और योजना प्रशासन के गले की फांस बनती जा रही है.
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ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर पुल बनाया गया है, वहां दुलारदेई नामक एक सूखी नदी बहती है जो केवल बरसात के मौसम में ही लोगों के लिए परेशानी बनती है और अन्य मौसम में सूखी रहती है. ग्रामीणों की कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए इस पर एक पुल का निर्माण किया गया है जिसमें केवल बरसात के मौसम में ही पानी रहता है.
इस संबंध में अररिया डीएम इनायत खान ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. इस संबंध में कार्यपालक अभियंता से रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही एसडीओ, सीओ समेत संबंधित अभियंता को स्थल और क्षेत्र का दौरा करने को कहा गया है. काम सही तरीके से हुआ या नहीं, पूर्व में समुचित सावधानी बरती गई या नहीं, जमीन के मामले को लेकर सारी जानकारी और जांच की जा रही है. जमीन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में इस योजना का प्रारूप किस तरह तैयार किया गया, सभी मामलों की जांच की जा रही है. इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि पुल और सड़क के साथ यह योजना किस तरह उपयोगी हो सकती है. पूरे मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है. उचित कार्रवाई की जाएगी.