मॉनसून में जहां एक ओर बारिश लोगों को राहत देती है, वहीं यह अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आती है. मॉनसून में बड़ों और खासकर बच्चों में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मॉनसून की बीमारियों से खुद को बचाना बहुत जरूरी है.
बरसात के मौसम में नमी और गंदगी के कारण इस मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं, जिसके कारण सर्दी, खांसी, बुखार, त्वचा संबंधी समस्याएं और पेट से जुड़ी समस्याएं बहुत बढ़ जाती हैं. आइए जानते हैं इस दौरान खुद का ख्याल कैसे रखें?
पानी से होने वाली बीमारियां जैसे डायरिया, हैजा, टाइफाइड आदि मॉनसून के दौरान आम हो जाती हैं. वहीं, बरसात के मौसम में पीने का पानी अक्सर संक्रमित हो सकता है, इसलिए हमेशा साफ और उबला हुआ पानी पिएं. हो सके तो घर में वॉटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें या पानी को कम से कम 10 मिनट तक उबालें.
बरसात के मौसम में स्ट्रीट फ़ूड जल्दी खराब हो सकता है और उसमें बैक्टीरिया पनपने की संभावना बहुत बढ़ जाती है. इसलिए समोसे, पकौड़े, चाट, पानी पूरी जैसे खाद्य पदार्थों से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण मॉनसून के दौरान जंक फ़ूड से दूर रहना जरूरी है.
मॉनसून में फलों और सब्जियों में कीड़े और कीटनाशकों की भरमार होती है. इन्हें बिना धोए खाने से पेट की समस्या और संक्रमण हो सकता है. इसलिए हर बार फलों और सब्जियों को नमक के पानी या सिरके के पानी में भिगोकर खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें.
किसी भी मौसम में स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है. मॉनसून में वातावरण सुस्त हो जाता है, जिसके कारण शरीर की थकान दूर करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी है. इस मौसम में भी रात को जल्दी सोने और सुबह समय पर उठने की आदत डालें.
बारिश के मौसम में भीगने से कई बार आपको अच्छा तो लगता है, लेकिन इससे सर्दी, बुखार और त्वचा संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसलिए अगर आप अचानक बारिश में भीग जाते हैं, तो घर पहुंचते ही सूखे कपड़े पहनें और गर्म पानी से नहा लें. अपने सिर और पैरों को अच्छी तरह से सुखा लें और अदरक की चाय या तुलसी का काढ़ा पिएं.