पटमदा के दिव्यांग किसान तीन बीघा मे गेंदा फूल की खेती कर लाखो रुपया कमा रहे हैं. सरकार ने पटमदा के किसानों की मेहनत और लगन को देखते हुए इन्हें प्रोत्साहन देने के लिए यहां के 50 किसानों के एक दल को दिल्ली में फूल की उन्नत किस्म की खेती के गुर सीखने और व्यवसाय को जानने-समझने के लिए भेजा है.
पटमदा के किसान कहते हैं कि वे हर दो दिन में फूल तोड़कर बाजार मे बेचते हैं और हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं. यहां गेंदे के फूल का उत्पादन सालभर होता है, जिससे उनका मुनाफा होता है.
लोवाडीह गांव के किसान गोराई दा कहते हैं, उन्होंने एक बीघा जमीन पर गेंदा के फूल की खेती की है. अभी हम हर दो दिन के अंतराल मे फूल तोड़ रहें है. वे अभी तक 40 हजार रुपये कमा चुके हैं.
लोवाडीह गांव के किसान किनकर गोराई ने कहा कि उन्हें अब तक 30 से 40 हजार का मुनाफा हो चुका है. फूल की खेती में मेहनत कम लगती है और मुनाफा अच्छा होता है. इसलिए हम लोगों ने पहली बार गेंदे के फूल की खेती की है.
कुमहीर गांव के रहने वाले युधिष्ठिर महतो ने बताया कि उन्होंने चार बीघा जमीन पर गेंदा फूल की खेती की है. उनके खेत में सालभर फूल खिलते हैं. इस फसल में उन्हें काफ़ी फायदा हो रहा है. दो बीघा में लगी गेंदा फसल से एक लाख की कमाई होती है.
युधिष्ठिर कहते हैं कि फूल की खेती में सब्जी से चार गुना अधिक कमाई है. हमारे यहां का फूल प्रदेश के साथ-साथ बंगाल जाता है. इस बार ओडिशा में भी काफ़ी मांग है.
कृषि पदाधिकारी अनीमा लकड़ा ने कहा कि पटमदा इलाके में खेती की काफ़ी संभावना है और लोग ठीक-ठाक खेती कर ही रहे हैं. इसलिए जिला प्रसाशन पहली बार 51 किसानों का एक दल दिल्ली भेज रहा है, ताकि यहां के किसान हर तरह की खेती कर सकें. चाहे वो सब्जी हो फूल हो या मशरूम हो. इनको सरकार की तरफ से अपनी खेती की गुणवत्ता को सुधरने के लिए भेजा जा रहा है. (अनूप सिन्हा की रिपोर्ट)