वैसे तो पशुपालन में छोटी-बड़ी परेशानी बनी ही रहती है, लेकिन गर्मी का मौसम हर साल पशुपालकों के लिए एक बड़ी परेशानी लेकर आता है. इसके चलते पशुओं का दूध उत्पादन भी घट जाता है. और ये सब होता है हीट स्ट्रैस के चलते. गर्मियों में जैसे ही तापमान बढ़ने लगता है तो पशु हीट स्ट्रैस में आने लगते हैं.
पशुपालक अपने पशु को हीट स्ट्रै्स से बचाने के लिए उसके शेड में ठंडक का इंतजाम करते हैं. कूलर-पंखे लगवाते हैं. खानपान में भी बदलाव किया जाता है. इस सब के चलते पशुपालकों की लागत भी बढ़ जाती है.
लेकिन कुछ मामूली रकम खर्च कर पशुपालक इस बड़ी परेशानी से बच सकते हैं. डेयरी की लागत को भी कम कर सकते हैं. अगर हीट स्ट्रैस के चलते अब पशुओं का दूध कम होगा तो पशुपालकों को उसका मुआवजा मिलेगा. लेकिन उसके लिए पशुपालकों को अपने पशु का बीमा कराना होगा.
बाजार में हीट इंडेक्स बीमा योजना की शुरुआत इबीसा कंपनी ने की है. कंपनी के हैड ऑफ ग्रोथ बालचंद्रन एमके ने किसान तक को बताया कि हम पशुपालकों को हीट स्ट्रैस जैसे परेशानी से बचाने के लिए 200 रुपये जैसी मामूली रकम पर हीट इंडेक्स बीमा का फायदा दे रहे हैं. प्रति पशु हम 200 रुपये लेते हैं. इसके बदले जब पशु हीट स्ट्रैस की चपेट में आकर दूध देना कम करता है तो हम उसे दूध का मुआवजा देते हैं.
इसके लिए पशुपालक को किसी भी तरह का कोई फार्म भरने की जरूरत नहीं है. और ना ही आनलाइन क्लेम करने की जरूरत है. कंपनी की टीम लगातार मॉनिटरिंग करती रहती है. जैसे ही पशुपालक के एरिया का तापमान मानक तापमान से ऊपर जाता है तो मुआवजा उसके खाते में पहुंच जाता है.
बालचंद्रन एमके का कहना है कि अभी इबीसा कंपनी को बहुत ज्यादा वक्त नहीं हुआ है. बावजूद इसके कंपनी कई राज्यों में हीट इंडेक्स बीमा का लाभ पशुपालकों तक पहुंचा रही है. गोदरेज एग्रोवेट, मिलमा (कर्नाटक) और मालाबार कोऑपरेटिव को कंपनी अपना बीमा प्रोडक्ट बेच चुकी है.
दक्षिण भारत के कई राज्यों में पशुपालकों को अपने साथ जोड़ने के बाद अब कंपनी पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में अपना प्रोडक्ट लांच करने जा रही है. हाल ही में कंपनी ने गुजरात में हीट इंडेक्स बीमा की शुरुआत की है.