जहाँ दूसरे लोग मधुमक्खियों की भिनभिनाहट सुनते ही दूर भाग जाते हैं, वहीं गजानन भालेराव उनकी ओर दौड़ पड़ते हैं. क्योंकि ये मधुमक्खियाँ ही उनकी जिंदगी और रोजगार हैं. गजानन और उनकी पत्नी माधुरी पिछले 18 सालों से पूरे भारत में घूम-घूम कर मधुमक्खी पालन करते हैं. उनकी पत्नी ‘माधुरी’ उनकी व्यावसायिक साझेदार भी हैं. शहद निकालने और उसे संसाधित करने और अपने ब्रांड, किसान मधुमक्षिका फ़ार्म, के तहत बेचने का काम संभाल रही हैं.