2021 में जिस "सरयू नहर परियोजना" का काम पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे देश को समर्पित कर दिया था, वह परियोजना विभागीय लापरवाही की वजह से सिर्फ कागजों में चल रही है. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि जिस योजना पर करोड़ों सरकारी रुपये फूंक दिए गए, वह परियोजना सिर्फ कागजों में सिंचाई कर रही है. सरकारी अफसरों की कारगुजारी से किसान हैरान और परेशान हैं. आज स्थिति ये है कि इस परियोजना के अंतर्गत बनाई गई नहरें मरी हुई हालत में हैं, टूट-फूट गई हैं और उसमें पानी के बदले घास की मौजूदगी है.