खजूर के रस एक तरह का ताड़ी होता है और इसे पीने का सबसे ज्यादा प्रचलन बिहार में है. झारखण्ड और बिहार में अगर इस खजूर के रस का उपयोग सही ढंग से किया जाए तो लोग इसको पी कर नशा नहीं करेंगे. सरकार इस पर ध्यान दे तो एक बड़े कुटीर उद्योग की स्थापना इसी रस से की जा सकती है. खजूर के गुड़ की मांग बंगाल और झारखण्ड में अच्छी खासी है. खासकर के नए साल में लोग इस गुड़ का पीठा बनाते हैं. और इसकी इतनी खपत है कि बंगाल से लोग आकर इस खजूर के गुड़ को बेचते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि सरकार अगर खजूर के पेड़ के रस का गुड़ बनाने में उपयोग करे तो लोग नशे से दूर होकर इससे एक अच्छा व्यापार करने लगेंगे.