विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने बुधवार को दो साल में दूसरी बार एमपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. यह घोषणा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण के प्रकोप के बाद की गई है जो पड़ोसी देशों में भी फैल गया है. बुधवार को संगठन की इमरजेंसी कमेटी ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस को सलाह देने के लिए मीटिंग की थी. इसमें चर्चा की गई कि क्या इस बीमारी का प्रकोप अंतराष्ट्रीय पब्लिक हेल्थ की इमरजेंसी या PHEIC है.
पीएचईआईसी स्टेटस डब्ल्यूएचओ की चेतावनी का उच्चतम स्तर है और इसका मकसद किसी बीमारी को रोकने के लिए रिसर्च, फंडिंग, और अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और मदद को आगे बढ़ाना है. टेड्रोस ने कहा, 'यह साफ है कि इन प्रकोपों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत है.'
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एमपॉक्स निकट संपर्क के जरिये से फैल सकता है. आमतौर पर यह हल्का होता है लेकिन कई दुर्लभ मामलों में यह खतरनाक भी होता है. इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव पैदा करता है. कांगो में यह बीमारी एक स्थानिक प्रजाति के प्रसार से शुरू हुई, जिसे क्लेड I के नाम से जाना जाता है. लेकिन एक नया प्रकार, क्लेड Ib,यौन संपर्क सहित नियमित निकट संपर्क के जरिये से ज्यादा आसानी से फैलता हुआ नजर आता है.
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यह कांगो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा सहित पड़ोसी देशों में फैल गया है. इसके कारण डब्लूएचओ ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है. टेड्रोस ने कहा, 'पूर्वी डीआरसी में एमपॉक्स के एक नए ग्रुप का पता लगाना और उसका तेजी से फैलना, उन पड़ोसी देशों में इसका पता लगाना, जहां पहले एमपॉक्स की रिपोर्ट नहीं हुई थी. साथ ही अफ्रीका और उसके बाहर इसके और अधिक फैलने की संभावना बहुत चिंताजनक है.'
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टेड्रोस ने बुधवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ ने आकस्मिक निधि में 1.5 मिलियन डॉलर जारी किए हैं. साथ ही आने वाले दिनों में और अधिक फंड जारी करने की योजना है. डब्लूएचओ की प्रतिक्रिया योजना के लिए शुरुआती 15 मिलियन डॉलर की जरूरत होगी. एजेंसी ने फंड के लिए डोनर्स से अपील करने की योजना बनाई है. साल 2022 में डब्लूएचओ ने उस समय इसे एक इमरजेंसी घोषित किया था जब एमपॉक्स का एक अलग तरह से दुनियाभर में फैलने लगा था.