दुनिया सबसे बड़ी रिटेल चेना वाली कंपनी वॉलमार्ट फाउंडेशन देश के किसानों की आजीविका में सुधार लाने हमेशा मदद करता रहा है. इसी के तहत एक बार फिर वॉलमार्ट ने कहा है कि उसके फाउंडेशन के जरिए 2018 में उसने किसानों के कल्याण के लिए भारत में 39 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. वॉलमार्ट फाउंडेशन नें अपने बाजार पहुंच कार्यक्रम के माध्यम यह कार्य किया है, जिसके तहच उसने 8,00,000 किसानों को लक्षित करते हुए 500 किसान उत्पादक संगठनों/किसान उत्पादक समूहों तक पहुंच बनाई है. सबसे खास बात यह है कि जिन एफपीओ और उत्पादक समूहों में फाउंडेशन ने निवेश किया है उनमें आधे से अधिक का संचालन महिलाएं करती है.
वॉलमार्ट फाउडेशन ने बताया कि भारतीय किसानों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए फाउंडेशन कई ऐसे गैर सरकारी संस्थाओं के साथ कार्य कर रही है जो भारत के गांवों में औऱ किसानों के बीच अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं. इन संस्थाओं में प्रदान, एक्सेस, मर्सी कॉर्प्स और सृजन जैसे हैं जो वॉलमार्ट फाउंडेशन के मार्केट एक्सेस प्रोग्राम के साथ काम कर रहे हैं. वॉलमार्ट फाउंडेशन ने बताया कि अपने मार्केट एक्सेस प्रोग्राम के तहत वह भारत के नौ राज्यों में कार्य कर रहा है. जिनमें आंध्र प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र शामिल है. फाउंडेशन यहां के किसानों की आजीविका सुधार कार्यक्रमों में मदद कर रहा है.
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फाउंडेशन में अपने आगामी कार्ययक्रम को लेकर मार्च 2023 में ही घोषणा कर दी थी. जिसमें कहा गया था कि भारत में किसानों की आजीविका में सुधार के लिए फाउंडेशन 2028 तक 1 मिलियन छोटे किसानों तक अपनी पहुंच बनाएगा. छोटे किसानों तक पहुंच बनाने के लिए फाउंडेशन ने पांच-वर्षीय नीति की घोषणा की थी. इस नीति के तहत महिला किसानों को प्रथामिकता दी गई है औऱ कहा गया है कि कम से कम 50 फीसदी महिला किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा.
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वॉलमार्ट फाउंडेशन की उपाध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी जूली गेहरकी ने एक बयान में कहा कि किसान उत्पादक संगठनों के सफल संचालन में समस्याएं आती है उन परेशानियों सफसतापूर्वक महिलाएं निपट रही हैं और बेहतर कार्य कर रही साथ ही उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित हो रही है. जूली गेहरकी ने कहा कि फाउंडेशन इसे एक बड़े बदलाव के तौर पर देखता है. उन्होंने कहा कि एक्सेस (ACCESS), मर्सी कॉर्प्स, प्रदान (PRADAN) और सृजन जैसे संगठनों के साथ, हम अधिक लैंगिक समानता, आर्थिक सशक्तिकरण और सतत ग्रामीण विकास की दिशा में एक रास्ता बना रहे हैं। साथ मिलकर, हम ग्रामीण महिला किसानों और उनके समुदायों के लिए एक उज्जवल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं.