महाराष्ट्र के लातूर में पिछले एक महीने से बारिश न होने का असर अब खेतों में खड़ी फसलों पर देखने को मिल रहा है. पानी की कमी से खरीफ फसलों के साथ सब्जियां भी सूख रही हैं. जिले में लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण कई सब्जी उत्पादक किसान पानी खरीद कर पौधों की सिंचाई कर रहे हैं, तो वहीं पर कुछ किसान इस सूखे से तंग आकर अपने खेत में खड़ी फसल निकालकर बांध पर फेंक रहे हैं. ऐसे ही लातूर जिले के महापुर में रहने वाले हरिनाम दत्तात्राय नागराले ने अपने आधा एकड़ खेत में लगाए भिंडी के पौधों को उखाड़ कर बांध पर फेंक दिया.
इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने दो एकड़ में खेती की है जिसमें से उन्होंने दो महीने पहले आधा एकड़ में भिंडी की बुवाई की थी. बुवाई के बाद मॉनसून की शुरुआत में थोड़ी बारिश होने के कारण भिंडी उगी, लेकिन अब पिछले एक महीने से बारिश नहीं होने से भिंडी के पौधे सुख रहे थे. बुवाई से लेकर अभी तक इस खेती की देखभाल करने के लिए उनकी 50 हजार रुपयों की लागत लगी है. इतनी लागत लगाने के बावजूद अब पानी की कमी से खेत सूख रहा था जिसके चलते उन्होंने भिंडी के पौधों को निकाल कर फेंक दिया है.
लातूर जिले के चाकूर तहसील में भी सूखे का असर देखने को मिल रहा है. इस तहसील में स्थित वडवल गांव के रहने वाले विजय कुमार गोरे ने दो एकड़ में टमाटर की खेती की थी, लेकिन पानी की कमी की वजह से फसल सूख गई है. इस बारे में किसान ने बताया कि इसकी बुवाई उन्होंने दो महीने पहले की थी जिसमें उनकी अभी तक दो लाख रुपयों की लागत लगी है. पिछले एक महीने से बारिश न होने के कारण अब यह खेत पानी की कमी से सूख रहा है.
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फसल सूखने से पौधों में लगे टमाटर की क्वालिटी भी खराब हो रही है. किसान ने आगे यह भी कहा है कि एक तरफ मार्केट में टमाटर को अच्छा भाव मिल रहा है, लेकिन अब इस प्राकृतिक आपदा के कारण टमाटर उखाड़कर फेंकने के अलावा उनके पास और कोई रास्ता नहीं बच पाया है.