Methane Gas: मीथेन गैस को कम करने और प्रदूषण को रोकने के लिए आईसीएआर ने खोजा ये समाधान, जानें कैसे मिलेगा इसका लाभ

Methane Gas: मीथेन गैस को कम करने और प्रदूषण को रोकने के लिए आईसीएआर ने खोजा ये समाधान, जानें कैसे मिलेगा इसका लाभ

मिथेन (Methane) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है. यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है. मीथेन प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से उत्पन्न होती है जैसे दलदल जमीन, गाय के गोबर आदि से. यह गाय जैसे जानवरों के पेट में कुछ सूक्ष्मजीवों की पाचन प्रक्रियाओं के दौरान भी जारी होता है.

पशुधन से बढ़ रहा मीथेन उत्सर्जन, ICAR ने निकाला इसे कम करने का तरीकापशुधन से बढ़ रहा मीथेन उत्सर्जन, ICAR ने निकाला इसे कम करने का तरीका
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Sep 08, 2023,
  • Updated Sep 08, 2023, 9:40 AM IST

जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण को बढ़ाने में मीथेन गैस का योगदान हमेशा रहा है. ऐसे में सरकार और कई कंपनियां इसे कम करने के लिए लगातार काम करती रहती हैं. मीथेन गैस की बात करें तो इस गैस का उत्सर्जन पशुधन के माध्यम से सबसे अधिक होता है. वहीं, भारत में पशुधन यानी पशुपालन बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिससे मीथेन गैस उत्सर्जन भी अधिक होता है. इसे रोकने के लिए सरकार ने एक बार फिर बेहद ठोस कदम उठाया है. लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को जानने से पहले हम यह जान लेंगे कि मीथेन गैस क्या है और इसका पशुधन से क्या संबंध है.

क्या है मीथेन गैस?

मिथेन (Methane) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है. यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है. मीथेन प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से उत्पन्न होती है जैसे दलदल जमीन, गाय के गोबर आदि से. यह गाय जैसे जानवरों के पेट में कुछ सूक्ष्मजीवों की पाचन प्रक्रियाओं के दौरान भी जारी होता है. जिस वजह से भारत जैसे देशों के लिए जहां पशुपालन का काम बड़े पैमाने पर किया जाता है उसके लिए एक बड़ी चुनौती है. मीथेन प्राकृतिक गैस का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसे ईथेन, प्रोपेन और ब्यूटेन जैसे अन्य हाइड्रोकार्बन के साथ भूमिगत जलाशयों से निकाला जाता है. यह एक मूल्यवान ऊर्जा स्रोत है जिसका उपयोग हीटिंग, बिजली उत्पादन और वाहनों के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है. मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जिसका अर्थ है कि इसमें पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी को रोकने की उच्च क्षमता है.

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गंभीर चिंता का विषय है मीथेन उत्सर्जन

हालाँकि कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की तुलना में इसका वायुमंडलीय जीवनकाल बहुत कम है, लेकिन इसकी वार्मिंग क्षमता कम समय सीमा में बहुत अधिक है. इसलिए, मीथेन उत्सर्जन को कम करना जलवायु परिवर्तन को कम करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हालाँकि, जलवायु परिवर्तन में इसकी भूमिका के कारण पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए मीथेन उत्सर्जन का प्रबंधन करना एक गंभीर चिंता का विषय है. ऐसे में इसके उत्सर्जन को कम करने के लिए हैदराबाद स्थित कोर कार्बनएक्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से एक अहम कदम उठाया गया है. क्या है आइए जानते हैं.

मीथेन गैस को कम करने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ. एस.के. चौधरी ने बुधवार को कहा कि आईसीएआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल न्यूट्रिशन एंड फिजियोलॉजी ने एक पशु आहार पूरक विकसित किया है, जो पशु आहार के साथ मिश्रित होने पर, विशेष रूप से जुगाली करने वाले जानवरों - भैंस और गाय जैसे जानवरों से मीथेन उत्सर्जन को काफी कम कर देता है, जो अपने पेट से अपना भोजन वापस लाते हैं और दोबारा इसे चबाते हैं. भैंस जैसे कुछ जानवर जो भोजन को पचाने के लिए जुगाली करते हैं और इस प्रक्रिया के दौरान, बहुत अधिक मीथेन उत्सर्जित होती है. यह भैंसों के बीच तीव्र दर से होता है, और शोध से संकेत मिलता है कि एनआईएएनपी द्वारा विकसित पूरक मीथेन उत्सर्जन को 30 से 40 प्रतिशत तक कम कर सकता है. 

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