सिल्क उत्पादन के मामले में भारत के कदम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. इसके लिए देश के संस्थान के साथ-साथ किसान भी काम कर रहे हैं. उन किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है.सिल्क समग्र योजना एक ऐसी ही योजना है जो देश में रेशम की खेती करने वाले किसानों के लिए चलाई जा रही है. इसका लाभ भी किसानों को मिल रहा है. इस योजना का उद्देश्य उद्देश्य रेशम की खेती करने वाले किसानों की आजीविका में सुधार करना और देश के रेशम उद्योग के विस्तार और विकास को बढ़ावा देना है. रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए और किसानों के विकास के लिए इसे साल 2021 में लागू किया गया था.
गौरतलब है कि भारत रेशम उत्पादन के मामले में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक देश है. यहां पर हर साल 50 हजार मीट्रिट टन रेशम का उत्पादन किया जाता है. विश्व में सबसे अधिक रेशम की खपत भारत में होती है. दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पर बाजार के लिए पांच प्रकार का रेशम तैयार किया जाता है. इनमें शहतूत, ओक तसर, ऊष्णकटिबंधीय तसर, मूगा और एरी शामिल हैं. सुनहला मूगा रेशम विश्व का सबसे प्रसिद्ध रेशम है जिसका उत्पादन सिर्फ भारत में होता है. सिल्क समग्र योजना के जरिए भारत से दूसरे देशों में कच्चे रेशम का निर्यात बढ़ाने में सफलता हासिल की है.
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जो किसान इस योजना के तहत आदेवन करना चाहते हैं वो अपने जिला स्थित रेशम उत्पादन विभाग के ऑफिस में जाएं. कार्यालय जाते समय आवेदक अपने साथ जरूर दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते का विवरण, बिजली का बिल और अन्य व्यवसायिक दस्तावेज अपने साथ रख लें. इसके वहां पर अधिकारि से मिलकर सिल्क समग्र योजना से संबंधित आवेदन फॉर्म की मांग करें और उसे भरकर जमा कर दें.