हरियाणा में कपास की खेती में हुए आर्थिक नुकसान के बाद राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है. कपास के किसानों को आर्थिक मुश्किल से बाहर लाने के लिए हरियाणा सरकार ने फसल बीमा योजना की शुरुआत की है जिसका नाम है हरियाणा फसल सुरक्षा योजना. यह योजना किसानों को हुए फसल नुकसान की भरपाई करने में मदद करेगी. हरियाणा के सात जिलों में खरीफ सीजन में पिंक बॉलवर्म के कारण कपास की खेती को काफी नुकसान हुआ है. इस स्थिति को सुधारने के लिए, हरियाणा कृषि विभाग ने “हरियाणा फसल सुरक्षा योजना” की शुरुआत की है.
राज्य के कलस्टर 02 जिले हिसार, जींद, अंबाला, गुरुग्राम, करनाल, महेंद्रगढ़ और सोनीपत के कपास किसानों के लिए 22 सितंबर से हरियाणा फसल सुरक्षा योजना (एचएफएसवाई) को शुरू किया गया है. वहीं इसके लिए किसान 30 सितंबर तक ही एमएफएमबी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. अधिसूचना के अनुसार विभाग ने किसानों को एमएफएमबी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और फसल पर शुल्क के तौर पर 1500 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है. इसके बाद सरकार की तरफ से किसानों को फसल कटाई प्रयोग के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ अधिकतम 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.
हरियाणा फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत वैसे तो सभी फसलों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. लेकिन इस समय कपास के किसान इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना में किसानों से सरकार मात्र 05 फीसदी शुल्क लेगी. वहीं फसल में नुकसान होने की अवस्था में सरकार किसानों को 30000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा या वित्तीय सहायता देगी. जो किसान कपास की खेती करते हैं, वे इसमें अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
ध्यान देने वाली बात है कि हरियाणा फसल सुरक्षा योजना केवल कपास के किसानों के लिए है. कुछ क्षेत्रों में कम बारिश और कीट लग जाने के कारण अन्य फसलों में भी नुकसान हुआ है. इसके बावजूद, इस योजना में अन्य फसलों को शामिल नहीं किया गया है, जिससे स्पष्ट है कि कपास के किसानों को ही इस योजना के तहत राहत प्राप्त होगी.
कपास के किसानों के लिए राज्य सरकार की यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम है जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगी. फसल बीमा योजना की शुरुआत से किसानों को अपनी फसलों को मौसम की बेरुखी और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने का अधिक सहयोग मिलेगा.