आंध्र प्रदेश में नमक उत्पादक किसान इन दिनों काफी परेशानियों से जूझ रहे हैं. नमक की कीमतों में अचानक आई कमी के कारण नमक किसानों के सामने अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मई 2024 में देश में नमक की दरों को देखे तो इस वक्त 90 किलोग्राम नमक की कीमत 250 रुपये हो गई है जो साल 2023 में 450 रुपये प्रति 90 किलोग्राम की दर से बिक रहा था. कीमतों में कमी के कारण उन किसानों की परेशानी और बढ़ गई है जिन्होंने कर्ज लिया है. क्योंकि वो अपना कर्ज चुकाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं. बता दें कि एक लंबी 974 किलोमीटर लंबी तटरेखा होने के बावजूद नमक की खेती के मामले में आंध्र प्रदेश गुजरात और अन्य तटीय राज्यों से काफी पीछे हैं. राज्य में लगभग एक लाख एकड़ जमीन में नमक की खेती की जाती है.
आंध्र प्रदेश में इस तरह से एक बड़े इलाके में नमक की खेती की जाती है. इसकी खेती से 7500 परिवार जुड़े हुए हैं. इनकी आजीविका नमक की खेती पर ही निर्भर करती है. ऑफ सीजन होने पर मछुआरे भी नमक की खेती में शामिल हो जाते हैं. इनमें श्राकाकुलम, विजयनगरम, पू्र्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी और नेल्लोर जिले के मछुआरे हर साल जनवरी से जून के महीने तक नमक की खेती से जुड़ जाते हैं. हालांकि विपरित मौसम की स्थितियों के कारण 2021 और 2023के बीच नमक के उत्पादन में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. पर बाजार में नमक की कम उपलब्धता का लाभ किसानों को मिला था. किसान अधिक मुनाफा कमाने में कामयाब रहे.
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पर इस साल स्थिति पूरी तरह से अलग है. गर्म जलवायु के कारण इस बार नमक का बंपर उत्पादन हुआ है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुरम मंडल के पैदामैनवानी लंका के किसानों ने कहा कि उन्होंने इस साल 30 प्रतिशत से अधिक नमक का उत्पादन हासिल करने में सफलता पाई है. नमक किसान यू वेंकट लक्ष्मी ने कहा कि इस वर्ष अच्छे मौसम के कारण अच्छी फसल हासिल करने में सफलता मिली है. इस साल किसान अधिक उत्पादन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसकी कीमतों में आई गिरावट ने किसानों के लिए परेशानी पैदा कर दी है. इसके अलावा गुजरात से भी कम कीमत पर काफी मात्रा में नमक का आयात किया जा रहा है जिससे आंध्र के किसानों की आजीविका प्रभावित हुई है.
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गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में नमक की खेती करने वाले किसान पहले से ही कई परेशानियों से जूझ रहे हैं. किसानों को यहां पर इनपुट में सब्सिडी का लाभ नहीं मिलता है साथ ही उन्हें बेहतर परिवहन सुविधाएं भी नहीं पा रही है. यहां के पूर्वी गोदावरी और कृष्णा जैसे इलाकों में नमक का व्यवसाय खत्म हो रहा है. पश्चिमी गोदावरी इलाके में खेती के लिए भूमि पट्टे का नवीनीकरण भी नहीं किया गया है. नमक किसानों को फायदा नहीं होता देख अब इसकी खेती का दायरा भी कम हो रहा है.