Rajasthan Assembly Elections 2023: दूर हुई सचिन पायलट की टेंशन, बागी हए कांग्रेस नेताओं ने वापस लिया नामांकन

Rajasthan Assembly Elections 2023: दूर हुई सचिन पायलट की टेंशन, बागी हए कांग्रेस नेताओं ने वापस लिया नामांकन

नईमुद्दीन ख़ान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के माने जाते हैं और पिंजारा समुदाय पर इनकी पकड़ काफी मज़बूत मानी जाती रही है. नईमुद्दीन के अलावा मुस्लिमों में लोकप्रिय माने जाने वाले कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के मोहसिन रशीद ने भी पायलेट समर्थक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के समझाने के बाद अपना नामांकन वापस ले लिया है.

सचिन पायलट                                                                              फाइल फोटोसचिन पायलट फाइल फोटो
क‍िसान तक
  • Jaipur,
  • Nov 10, 2023,
  • Updated Nov 10, 2023, 5:01 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव में टोंक विधानसभा क्षैत्र से कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लिये राहत की ख़बर है. जी हां राहत की ख़बर यह है कि स्थानीयता के मुद्दे को आधार बनाते हुए और सचिन पायलट की कार्यशैली से नाराज़ होकर बाग़ी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले पांचों कांग्रेसी नताओं ने अपने नाम वापस ले लिया है. जब यह नेता बागी हुए थे उस समय बागी हुए नेताओं को मनाने के लिए सचिन पायलट समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को काफी मेहनत करनी पड़ी थी. इनमें से एक नेता के घर पर तो खुद सचिन पायलट सुबह-सबह चाय पीने के बहाने पहुंच गए थे और उन्हें मनाया था.

नईमुद्दीन ख़ान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के माने जाते हैं और पिंजारा समुदाय पर इनकी पकड़ काफी मज़बूत मानी जाती रही है. नईमुद्दीन के अलावा मुस्लिमों में लोकप्रिय माने जाने वाले कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के मोहसिन रशीद ने भी पायलेट समर्थक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के समझाने के बाद अपना नामांकन वापस ले लिया है. मोहसिन रशीद राजनैतिक बहसों के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पायलट के मुस्लिम विरोधी होने को लेकर लगातार आग ऊगल रहे थे. नईमुद्दीन और रशीद के अब्दुल क़दीर, उमर बेग और अख्तर अली ने अपना नामांकन वापस लिया है.

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सचिन पायलट ने दूर की बागियों की शिकायत

ये सभी नेता सचिन पायलट और उनके नजदीकी पदाधिकारियों के रवैये से नाराज थे. बाग़ी कांग्रेसियों ने नामांकन वापसी के बाद कहा कि सचिन पायलट ने उनकी शिकायत को दूर कर दिया है. इसलिए अब वो सचिन पाटलय का विरोध छोड़कर उन्हें और कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए पूरी लगन और निष्ठा के साथ कार्य करेंगे. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से चाय के बहाने सचिन पायलट बागी नेताओं के घर जा रहे थे और उन्हें मना रहे थे. इस दौरान वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से नाराज चल रहे पार्टी नेताओं को मना रहे थे.

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इतने प्रत्याशी बचे हैं मैदान में

पायलट के चाय पीने के बहाने नाराज़ कांग्रेसियों को मनाने को लेकर हो रही इन कोशिशों को लेकर भाजपा प्रत्याशी अजीत मेहता ने कांग्रेस पर हमला बोला था. मेहता लगातार यह बयान दे रहे थे कि साढ़े चार साल तक जनता से दूर रहने वाले पायलेट को अब हारने की चिंता सताने लगी है इस लिये अब वे लोगों के घर चाय पीने पहुंच रहे हैं. टोंक विधानसभा क्षेत्र से हुए कुल 14 नामांकनों में से कुल 6 नामांकन वापस लिए जा चके हैं. इनमें कांग्रेस के भी  पांच बागी विधायक है. अब कांग्रेस के सचिन पायलट, भाजपा के अजीत सिंह मेहता, आज़ाद समाज पार्टी के शोएब ख़ान, बसपा के अशोक बैरवा,एसडीपीआई के अब्दुल लतीफ, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी के गणेश के अलावा दो निर्दलीय जगदीश प्रसाद शर्मा व सीताराम मैदान में बचे हैं.

 

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