देश के लोगों को सोमवार को महंगाई का तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, एलपीजी घरेलू सिलेंडर की कीमतों में इजाफा किया गया है. सरकार ने 14 किलोग्राम वाले घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ा दिए हैं. इसके बाद उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 503 रुपये से बढ़कर 553 रुपये और गैर उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाली गैस सिलेंडर 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो जाएगी.
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ रही हैं और हमारे यहां कीमतें घट रही हैं. हमने फैसला किया है कि रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम इसकी समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि हम रसोई गैस के मामले में काफी आगे बढ़ चुके हैं और अब हमारे पास उज्ज्वला योजना भी है, जिसके 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं.
उन्होंने कहा कि आज हमारे भाई-बहनों को लकड़ी, गोबर और अन्य चीजों से मुक्ति मिल गई है. बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीब औरतों को फ्री गैस सिलेंडर दिया जाता है, ताकि उन्हें साफ-सुथरा खाना पकाने का ईंधन यानी एलपीजी मिल सके.
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बता दें कि बीते कुछ महीनों में जहां 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार बदलाव देखने को मिला रहा है, तो वहीं पिछले साल अगस्त 2024 में आखिरी बार 14.2 किलो वाले सिलेंडर के प्राइस में बदलाव हुआ था. उसके बाद से एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई चेंज नहीं हुआ है. आईओसीएल के मुताबिक, फिलहाल दिल्ली में रसोई गैस सिलेंडर का भाव 803 रुपये है. मुंबई में यह कीमत 802.50 रुपये, कोलकाता में इसकी कीमत 829 रुपये और चेन्नई में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 818.50 रुपये है.
इससे पहले सोमवार को ही सरकार की ओर से किसानों के ट्रैक्टर में खपत होने वाले डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. साथ ही पेट्रोल के दाम में भी इजाफा किया गया. दरअसल, पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री ने इसे लेकर तस्वीर साफ करते हुए कहा है कि, 'मैं यह स्पष्ट कर दूं कि इसका असर उपभोक्ताओं पर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बीते दिनों पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल या यूं कहें कि कच्चे तेल के बराबर हो गई.
हरदीप सिंह पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी का उद्देश्य उपभोक्ताओं पर बोझ डालना बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सब्सिडी वाले गैस कीमतों के कारण तेल विपणन कंपनियों को होने वाले 43,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई करना है.