झारखंड में हो सकती है बारिश और ओलावृष्टि, पढ़े किसानों के लिए जारी आईएमडी की सलाह

झारखंड में हो सकती है बारिश और ओलावृष्टि, पढ़े किसानों के लिए जारी आईएमडी की सलाह

ओलावृष्टि का असर दलहनी फसलों पर भी हो सकता है. इसके कारण फली का विकास सही से नहीं होगा. फली की विकास की अवस्था में अगर ओलावृष्टि हो जाती है तो इसका सीधा असर उसकी उपज पर पड़ता है. इसके अलावा दलहनी फसलों में फफूंद रोग का भी प्रकोप देखा जा सकता है.

कृषि सलाह (सांकेतिक तस्वीर)
पवन कुमार
  • Ranchi,
  • May 05, 2024,
  • Updated May 05, 2024, 5:18 PM IST

तेज धूप और तपती गर्मी से झुलसने के बाद अब झारखंड के लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिलने वाली है. रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के कई जिलों में बारिश का अनुमान लगाया गया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो से दिनों में रांची समेत कई जिलों में बारिश हो सकती है. इसके साथ ही साथ ही मौसम विभाग का अनुमान है कि सात मई को झारखंड के रामगढ़, धनबाद, बोकारो, जामताड़ा दुमका और देवघर जिले में कुछ कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है. इस ओलावृष्टि के कारण खेत में तैयार खड़ी फसलों को  नुकसान हो सकता है. इससे बचाव के लिए आईएमडी की तरफ से किसानों के लिए सलाह जारी की गई है. इसका पालन करके किसान ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. 

ओलावृष्टि के कारण सरसों की खेती पर होने वाले प्रभाव को लेकर मौसम विभाग ने कहा है कि इसके कारण सरसों का जड़ विस्तार रुक सकता है साथ ही सरसों में तना सड़न और अल्टनेरिया ब्लाइट जैसी बामारी हो सकती है. इसके साथ ही फली भी गिर सकते हैं. इससे बचाव के लिए किसान अपने परिपक्व फसलों की कटाई कर लें. इसके साथ ही कहा गया है कि सरसों को काट कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखें. अगर फली पीली और भूरी हो गई हो तो कटाई कर लें. 

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दलहनी फसलों में हो सकता है फफूंदी का प्रकोप

ओलावृष्टि का असर दलहनी फसलों पर भी हो सकता है. इसके कारण फली का विकास सही से नहीं होगा. फली की विकास की अवस्था में अगर ओलावृष्टि हो जाती है तो इसका सीधा असर उसकी उपज पर पड़ता है. इसके अलावा दलहनी फसलों में फफूंद रोग का भी प्रकोप देखा जा सकता है. इससे बचाव के लिए किसान लगातार अपने खेत की निगरानी करें साथ ही पौधौं पर यह देखें की उनमें फंगल इंफेक्शन तो नहीं हो रहा है. इसके साथ ही जो फसल कटाई के लिए तैयार हो गई है.उसे काटकर सुरक्षित स्थान पर रख ले और यदि संभव ना हो तो कटाई के लिए कुछ दिनों तक प्रतीक्षा करें. 

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फलों को इस तरह रखें खयाल

फल और सब्जियों को लेकर जारी किए सलाह में कहा गया है कि ओलावृष्टि के कारण आम के फल झड़ सकते हैं और उनमें दाग भी हो सकता है. ओला और भारी बारिश से जलजमाव भी हो सकता है इससे सब्जियों में सड़न हो सकता है. ओलावृष्टि के कारण टमाटर के फल और फूल झड़ सकते हैं. साथ ही फल भी चटक सकते हैं.इससे बचाव के लिए खेत में रोग के प्रसार को कम करने के लिए खेत में गिरे हुए फलों को हटा दें. इसके साथ ही खेत में खाद और विटामिन का छिड़काव करें. पशुओं के बचाव को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि उन्हें खुले में नहीं छोड़े और मौसम की स्थिति को देखकर ही उन्हें बाहर ले जाएं. साथ ही मवेशियों के घर को अच्छी तरह ढंक दें.

 

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