ट्रैक्टर सब्सिडी का भरपूर लाभ उठा सकते हैं किसान, राज्यसभा में धनखड़ ने दिया ये खास सुझाव

ट्रैक्टर सब्सिडी का भरपूर लाभ उठा सकते हैं किसान, राज्यसभा में धनखड़ ने दिया ये खास सुझाव

जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में किसानों को कुछ खास सुझाव दिए. इसमें उन्होंने ट्रैक्टर को लेकर कुछ खास सलाह दी. उन्होंने बताया कि कृषि उपकरणों को तकनीकी से जोड़ा जाए तो खेती में अच्छा फायदा मिलेगा.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 02, 2024,
  • Updated Aug 02, 2024, 1:43 PM IST

राज्यसभा में यूरिया के दाम और उसके वजन को लेकर सवाल उठाया गया. इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब देते हुए कहा कि यूरिया की बोरी का वजन कम किया गया है तो उसका दाम भी घटा है. इसी दौरान राज्यसभा के सभापित जगदीप धनखड़ ने ट्रैक्टर को लेकर कुछ अहम सुझा दिए. उन्होंने कहा कि कृषि में तकनीक का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि कृषि उपकरण तकनीकी रूप से जितने अच्छे हों, उससे किसान की खेती पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा.

राज्यसभा में जगदीप धनखड़ ने कहा, अक्सर ये देखा गया है, खासकर ट्रैक्टर के मामले में कि किसान ये भावना रखता है कि ट्रैक्टर को तबतक चलाते रहो जबतक वह चल रहा है. चाहे कानून में उसकी समय अवधि 10 वर्ष की हो. किसान को इस बात के लिए जागरू किया जाए कि कृषि उपकरण में सरकार सबसे ज्यादा सब्सिडी देती है. जो नया ट्रैक्टर आता है, वह ईंधन खपत में भी ठीक है और उसमें उपकरण भी अच्छे तरीके से लग सकते हैं. 

धनखड़ का सुझाव

धनखड़ ने कहा कि लोगों के बीच ये भावना फैलाने की जरूरत है, जो लोग ये धारणा लिए बैठे हैं कि हमारे ट्रैक्टर को कानून के तहत रोकोगे तो हम उसे सड़क पर ले आएंगे. यह मामला गलत दिशा में जाए उससे पहले जरूरी है कि किसानों को सही ज्ञान दिया जाए कि अगर आप नया ट्रैक्टर लेते हैं, नया उपकरण लेते हैं तो सब्सिडी का आपको बहुत बड़ा फायदा मिलता है. और इससे एक नई तकनीक भी आपके खेत में आती है. सरकार को इस पर कुछ करना चाहिए. 

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राज्यसभा में ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सासंदों के सवालों का जवाब दिया. खासकर कांग्रेस के सांसदों का जो बार-बार कृषि के मुद्दे पर सरकार को सदन में घेर रहे हैं. इस पर केंद्रीय कृष‍ि मंत्री श‍िवराज स‍िंह चौहान ने कहा क‍ि कांग्रेस के डीएनए में ही क‍िसान व‍िरोध है. यह आज की बात नहीं है. शुरुआत से ही कांग्रेस की प्राथम‍िकताएं गलत रही हैं. मैं प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी का सम्मान करता हूं, लेक‍िन उन्होंने खेती के बारे में भारतीय परंपरा का न‍िर्वाह नहीं क‍िया. वो रूस गए और वहां से एक मॉडल देखकर आए और कहा क‍ि खेती में रूस का मॉडल लागू करो. लेक‍िन भारत रत्न चौधरी चरण स‍िंह ने तब कहा क‍ि ये नहीं हो सकता. भारत की कृष‍ि की पर‍िस्थ‍ितियां ब‍िल्कुल अलग हैं. उन्होंने 17 वर्ष तक प्रधानमंत्री के पद को सुशोभ‍ित क‍िया. लेक‍िन तब क्या होता था. अमेर‍िका से सड़ा हुआ लाल गेहूं पीएल 480 भारत के लोगों को खाने पर व‍िवश होना पड़ा था. 

मेंथा तेल पर सवाल

इससे पहले सदन में बाराबंकी के कांग्रेस सांसद तनुजा पुनिया ने सरकार से मेंथा किसानों के बारे में एक सवाल पूछा. सांसद ने बताया कि भारत पूरी दुनिया में मेंथा का सबसे अधिक निर्यात करता है. खास बात ये कि देश के कुल निर्यात का 50 परसेंट से अधिक हिस्सा बाराबंकी से आता है. सांसद ने कहा कि इतने बड़े योगदान के बाद भी सरकार ने मेंथा किसानों की समस्याओं का संज्ञान नहीं लिया है. सांसद पुनिया ने कहा कि कुछ साल पहले तक 2000 रुपये प्रति लीटर तक मेंथा बिकता था, लेकिन आज उसकी कीमत 900 रुपये लीटर है. इससे किसानों की लागत बढ़ती जा रही है और कमाई घटती जा रही है. इसकी वजह है कि विदेश से सिंथेटिक मेंथा आयात हो रहा है. सांसद ने मांग उठाई कि आयात किए गए मेंथा पर जीएसटी लगे, लेकिन किसानों के बनाए मेंथा तेल को जीएसटी से मुक्त किया जाए.

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