रोहतक में 17 दिनों से डटे हैं किसान, कहा-मांगें मानो वर्ना चलता रहेगा विरोध प्रदर्शन

रोहतक में 17 दिनों से डटे हैं किसान, कहा-मांगें मानो वर्ना चलता रहेगा विरोध प्रदर्शन

अब किसान जत्थे दारों की बैठक होनी है उसी बैठक के बाद जो भी फैसला आएगा उसी अनुसार धरने और किसान आंदोलन को लेकर रूपरेखा तय की जाएगी. इधर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए हरियाणा की ही नही बल्कि उत्तर भारत की खाप भी एकजुट होने लगे हैं. शुक्रवार को गोहाना के गांव कथुरा में एक बड़ी उत्तर भारत की तमाम खाप प्रधानों की पंचायत भी बुलाई गई है

Farmers ProtestFarmers Protest
सुरेंदर सिंह
  • Rohtak,
  • Feb 29, 2024,
  • Updated Feb 29, 2024, 5:59 PM IST

एमएसपी गारंटी कानून और कर्जमाफी समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब के किसानों के समर्थन रोहतक के टिटौली में किसान 17 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों का यह धरना शांतिपूर्वक चल रहा है. इस दौरान किसानों ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ अंबाला पुलिस की तरफ से किए गए कार्रवाई की निंदा की गई. जिसमें पुलिस की तरफ से एक वीडियो जारी करके कहा गया है कि पंजाब के जो किसान संर्घष में शामिल हैं, वीडियो के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन किसानों का वीजा और पासपोर्ट रद्द किया जाएगा. 

गौरतलब है कि किसानों की तरफ से 29 फरवरी तक दिल्ली मार्च पर रोक लगाने की बात कही गई थी. इसके बाद आगे का फैसला लेने की बात कही गई थी. किसानों की तरफ से सरकार को दी गई मियाद आज पूरी हो रही है. अब किसान जत्थे दारों की बैठक होनी है उसी बैठक के बाद जो भी फैसला आएगा उसी अनुसार धरने और किसान आंदोलन को लेकर रूपरेखा तय की जाएगी. इधर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए हरियाणा की ही नही बल्कि उत्तर भारत की खाप भी एकजुट होने लगे हैं. शुक्रवार को गोहाना के गांव कथुरा में एक बड़ी उत्तर भारत की तमाम खाप प्रधानों की पंचायत भी बुलाई गई है जिसमे किसान आंदोलन को समर्थन को लेकर फैसला लिया जा सकता है.

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सरकार ने नहीं मानी किसानों की मांगे

किसानों नेताओ और खाप के प्रधानों ने कहा कि किसानों से जो उनकी मांगों को लेकर जो वादा किया गया था, केंद्र की तरफ से किसानों की उन मांगों को पूरा नहीं किया गया. जिसके किसान आज 17 वें दिन किसान धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच अब तक जो बातचीत हुई है उससे यह लगता है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सरकार किसानों के आंदोलन को लंबे समय तक खींचना चाहती है. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार चाहती है कि आंदोलन 13 मार्च तक चले क्योंकि उसके बाद चुनाव की घोषणा हो जाएगी और देश में आचार संहिता लग जाएगी. 

आज किसानों की बैठक के बाद लिया जाएगा फैसला

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टिटौली में धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि आज जो किसान नेताओं की बैठक होगी, उस बैठक में जो भी फैसला लिया जाएगा, सभी किसान उस फैसले को मानेंगे. किसानों में किसी तरह की कोई फूट नहीं है. सभी किसान एकजुट हैं.किसानों ने कहा कि सरकार किसानों को उपद्रवी बता रही है.पर किसानों ने कोई उपद्रव नहीं किया है, बल्कि पुलिस ने किसानों के साथ जो शर्मनाक काम किया है वह उपद्रव है. एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. किसानों को बोरी में भरकर पिटाई की गई, उनके टांगे तोड़ दी गई. हिसार में किसानो पर 307 की धाराएं लगा दी. इसलिए जब तक किसामों की मांगे पूरी नहीं होगी धरना जारी रहेगा.

 

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