जिस देश में किसानों को अन्नदाता कहा जाता है, वहां आए दिन किसानों की आत्महत्या की खबरें सामने आती रहती हैं. हालांकि, इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. सरकार आए दिन किसानों के लिए कई योजनाएं चलाती है. फिर भी किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग सका है. ऐसे में एक और खबर जूनागढ़ के वंथली तहसील के संतालपुर गांव से आ रही है. यहां किसान परिवार ने जहरीली दवा पीकर आत्महत्या कर ली, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है.
मामले की जानकारी देते हुए डीवाईएसपी डीसी ठक्कर ने बताया कि विकास रमणीक दुधात्रा उम्र 50, उनकी पत्नी हिना विकास दुधात्रा उम्र 45, बेटा मनन 13 साल और बेटी हैप्पी 18 साल ने अपने खेत में ही दवा पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जब तक उन्हें अस्पताल लाया गया तक तक विकास, उनकी पत्नी हिनाबेन और बेटे मनन की मौत हो चुकी थी. जबकि बेटी हैप्पी की हालत अभी भी गंभीर है. लोगों का कहना है कि परिवार सुखी और समृद्ध था. खेती के लिए ज़मीन भी अच्छी थी, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि आत्महत्या का कारण क्या था. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. उम्मीद है कि जल्द इस घटना के बारे में पता चल सकेगा.
इस बारे में विकास दुधात्रा के खास दोस्त प्रदीप सावलिया ने बताया कि विकास भाई ने दवा पीने के बाद मुझे फोन किया था. खबर मिलने के बाद मैं तुरंत वहां पहुंचा और तुरंत एंबुलेंस को फोन किया. लेकिन जब तक हम अस्पताल पहुंचे, डॉक्टर ने बताया कि तीन की मौत हो चुकी थी. वहीं हैप्पी की हालत अभी भी गंभीर है और हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल खुदकुशी का कोई कारण सामने नहीं आया है. पुलिस जांच में जुटी है. आखिर परिवार में एक साथ खुदकुशी का क्या कारण हो सकता है ये जानने के लिए पुलिस लगातार सभी परिचित से पूछताछ कर रही है.
संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि 2017 से 2021 के बीच देशभर में कुल 28,572 किसानों ने आत्महत्या की है. इसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के किसानों ने आत्महत्या की है. इसी अवधि में 12,552 किसानों ने आत्महत्या की है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के हवाले से यह आंकड़ा दिया है.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच साल (2017-21) में पंजाब में कुल 1,056 किसानों ने आत्महत्या की है. जबकि 2017 में कुल 1,056 मामलों में से 243; 2018 में 229; 2019 में 239; 2020 में 174; वहीं 2021 में 171 मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा तेलंगाना में 2017 में 846, 2018 में 900, 2019 में 491, 2020 में 466 और 2021 में 352 किसानों ने आत्महत्या की है.