मंडी जिले में भारी बारिश के कारण बागवानी क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. सरकारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाएं तो आंकड़े बेहद चौकानें वाले हैं. पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल के लिए ये आंकडे़ बहुत बड़े पैमाने पर है, जिसकी भरपाई सरकार कैसे करेगी कहना मुश्किल है. उद्यान विभाग के उप निदेशक संजय गुप्ता के मुताबिक जिले में भारी तबाही हुई है. 30 जून से लेकर 1 अगस्त तक का जो आकंलन सामने आया है उसमें अभी तक बागवानी क्षेत्र में मंडी में लगभग 3400 हेक्टेयर क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है. जिसके परिणामस्वरूप बागवानों का 10 करोड़ 84 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, तो वहीं 11713 बागवान भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं.
उप निदेशक संजय गुप्ता ने बताया कि 9,10 और 11 जुलाई को जो प्राकृतिक त्रासदी हुई है उसमें महज 3 दिन में ही मंडी में 6.84 करोड़ रुपये का बागवानों को नुकसान हुआ है.
संजय गुप्ता ने बताया कि इस बार की भारी बारिश की वजह से जमीन भी बहकर गई है, जिसमें फलों से लदे पेड़-पौधे भी जड़ से उखड़कर बह गए, जिसका सीधा नुकसान बागवानों को उठाना पड़ रहा है. उन्होनें कहा कि इस नुकसान की रिपोर्ट सरकार और डीसी मंडी को दे दी गई है. उप निदेशक ने बागवानों को आश्वासन देते हुए कहा कि भविष्य में सरकार मुआवजे को लेकर जो कुछ भी निधार्रित करेगी और जो मुआवजा होगा उसे बागवानों तक पहुंचाने में तेजी से कार्य किया जाएगा.
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संजय गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपने विभाग के सभी अधिकारियों को चौंकने रहने के दिशा निर्देश दिए हैं, क्योंकि अभी भी बारिश हो रही है, और नुकसान की संभावनाएं बनी हुई हैं. उन्होंने बागवानों को सलाह देते हुए कहा कि मॉनसून सीजन इस वक्त जोरों पर है. सीजन के बाद अपने बगीचों में पानी की निकासी का कार्य करें, ताकि नुकसान न हो.
उन्होंने कहा कि मंडी जिला में सबसे ज्यादा सिराज के बगस्याड़ और बाली चौकी क्षेत्र में नुकसान हुआ है, तो वहीं पनारसा और औट इलाके में भी बागवानों को नुकसान पहुंचा है. संजय गुप्ता ने कहा कि कुछ पिछड़े क्षेत्र में टीम का पहंचना मुश्किल हो गया था, लेकिन मुश्किलों के बावजूद भी वहां का आंकलन किया गया, जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजा गया है.