चक्रवाती तूफान हामून से डरे ओडिशा के किसान, तेजी से कर रहे मक्के और अन्य फसलों की कटाई

चक्रवाती तूफान हामून से डरे ओडिशा के किसान, तेजी से कर रहे मक्के और अन्य फसलों की कटाई

बारिश की आशंका को देखते हुए गजपति जिले के किसानों ने घबराकर मक्के की कटाई शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, बारिश और तेज हवा से अपनी फसल को बचाने के लिए जल्दबाजी में किसानों ने मक्के की कटाई शुरू कर दी है.

मक्के की फसल                                                  फाइल फोटोमक्के की फसल फाइल फोटो
क‍िसान तक
  • Bhubnaweshwar,
  • Oct 23, 2023,
  • Updated Oct 23, 2023, 8:44 PM IST

चक्रवाती तूफान हामून का डर ओडिशा के किसानों को भी सता रहा है.बंगाल की खाड़ी के ऊपर तेज हो रहे तूफान हामून के प्रभाव से प्रदेश के कई स्थानों पर बूंदाबांदी और हल्की बारिश हुई है. इतना ही नहीं तूफान के प्रभाव से ओडिशा के गजपति जिले में मोहना और तटीय क्षेत्र केंद्रपाड़ा में बारिश का अनुमाना लगाया गया है. इस पूर्वामुनान ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. फसल नुकसान की आशंका से किसान डरे हुए हैं क्योंकि इस वक्त राज्य में धान की कटाई चल रही है और मकई की फसल कटाई के लिए तैयार है. किसानों को डर है कि अगर बारिश तेज होती है तो उनके फसलों को नुकसान होगा.

बारिश की आशंका को देखते हुए गजपति जिले के किसानों ने घबराकर मक्के की कटाई शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, बारिश और तेज हवा से अपनी फसल को बचाने के लिए जल्दबाजी में किसानों ने मक्के की कटाई शुरू कर दी है. इतना ही नहीं कटाई के तुरंत बाद किसान मकई को खेतों में या खुले में नहीं छोड़ रहे हैं बल्कि उसे सुरक्षित स्थानों में रख रहे हैं. किसानों को इस बात का डर कटे हुए फसलों को बाहर रखने पर या भींग जाने पर फसलें अंकुरित हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ आसमान में छाए बादल ने किसानों की चिंता और डर दोनों को बढ़ा दिया है. वहीं एक एक अन्य स्थानीय किसान त्रिनाथ नायक ने संभावित चक्रवात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र के किसानों के लिए मक्का एकमात्र लाभदायक फसल है. चक्रवात की संभावना के कारण हमें फसल के नुकसान का डर है. इसलिए हम कोई रिस्क नहीं ले सकते हैं. इसलिए हम अपनी फसल को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. 

ये भी पढेंः प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विस्तार के लिए 30,000 करोड़ रुपए खर्च करने पर विचार कर रही सरकार

तूफान के साथ बारिश की संभावना

इधर तटीय जिले केंद्रपाड़ा के किसान भी हामून चक्रवात से होने वाली बारिश की संभावना के कारण होने वाले फसल नुकसान को लेकर समान रूप से चिंतित हैं. यहां पर दखिनाखंड भोला पाटा क्षेत्र में धान और दलहन की अच्छी फसल नहीं हुई है. धान के अलाव सब्जियां. हरा चना और काला चना उगाया है. किसानों को उम्मीद है कि इस साल अनियमित बारिश के बावजूद अच्छी फसल होगी, पर संभावित तूफान के कारण होने वाली बारिश के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है. 

ये भी पढ़ेंः Bishan Singh Bedi Passes Away: मशहूर क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी का 77 साल की उम्र में हुआ निधन, पढ़ें क्या थी किसानों के लेकर उनकी राय

बर्बाद हो जाएगी किसानों की मेहनत

जिले के भरिगोला के किसान रवीन्द्र मल्लिक ने कहा कि किसानों को हमेशा प्राकृतिक आपदाओं का खतरा रहता है, जिसे टाला नहीं जा सकता है. लेकिन चिंता की बात यह है कि अगर बारिश होती है उनकी सारी मेहनत बेकार हो जाएगी. इसे उगाने में उनका पैसा और समय लगा है जो बर्बाद हो जाएगा. तेज हवा से धान की फसलें चौपट हो जाएंगी जबकि बारिश से सभी फसलों का अंकुरण रुक जाएगा. दक्षिणखंड भोला क्षेत्र के सौरी बेहरा ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, ''चाहे धान हो, कुलथी चना हो, मूंग हो, उड़द हो, अगर बारिश हुई या तेज हवा चली तो सब कुछ खराब हो जाएगा.


 

MORE NEWS

Read more!