मिर्च की खेती बहुत फायेदमंद होती है, क्योंकि इसकी मांग हमेशा बनी रहती है और इससे किसानों को अच्छा मुनाफा भी होता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में पूरे साल मिर्च की खेती की जाती है. देश में मसाले के तौर पर सभी घरों के रसाई में इसका इस्तेमाल किया जाता है. भारत में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में मुख्य रूप से मिर्च की खेती की जाती है. मिर्च की खेती करने के लिए खेत में पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए. मिर्च की फसल अधिक पानी बर्दास्त नहीं कर सकती है. साथ ही मिट्टी में कार्बन कंटेंट की मात्रा भी अधिक होनी चाहिए. इससे अच्छी पैदावार हासिल की जा सकती है.
मिर्च की खेती में अच्छी पैदावार हासिल करने के लिए इसके बारे में किसानों को पूरी जानकारी होनी चाहिए. मिर्च की खेती के लिए 15 से 35 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होती है. इसके लिए गर्म और नम जलवायु अच्छी मानी जाती है. इसकी फसल की अवधि 130-150 दिन की होती है. इसकी खेती करने के लिए किसानों को उन्नत किस्म के बीजों का चयन करना चाहिए. इससे उपज अच्छी होती है. काशी विश्वनाथ, काशी अनमोल, जवाहर मिर्च, हे हरी मिर्च जैसी मिर्च की कुछ उन्नत किस्में हैं जिनकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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मिर्च की खेती में अच्छी उपज हासिल करने के लिए इसकी नर्सरी का प्रबंधन अच्छे तरीके से करना चाहिए. इससे इसके पौधे स्वस्थ होते हैं. साथ ही पैदावार भी अच्छी होती है. मिर्च के पौधे तैयार करने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जहां पर्याप्त मात्रा में धूप आती है. पौधे तैयार करने के लिए बीज की बुवाई बेड बनाकर करनी चाहिए. बेड का आकार तीन गुणा एक मीटर का होना चाहिए. साथ ही बेड की ऊंचाई 20 सेंटी मीटर होनी चाहिए. नर्सरी तैयार करते समय खेत में क्यारी में दो से तीन टोकरी वर्मी कंपोस्ट या सड़ी हुई खाद के अलावा 50 ग्राम फोटेट दवा क्यारी की मिट्टी में मिलाना चाहिए. बेड में बीज की बुवाई से एक दिन पहले क्यारी में कार्बेन्डाजिम 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इसके अगले दिन क्यारी में आधे से एक सेमी की गहरी नालियां बनाकर उसमें बीज की रोपाई करनी चाहिए. दो नालियों के बीच दी दूरी पांच सेमी होनी चाहिए.
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मिर्ची की रोपाई करने के लिए अगर देशी किस्म के बीज की खेती कर रहे हैं तो 500 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की जरूरत होत है जबकि संकर नस्ल की खेती करने के लिए नर्सरी तैयार करने में 200-225 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर बीज की जरूरत होती है. मिर्च की रोपाई किसी भी मौसम में की जा सकती है. लेकिन प्रमुख तौर पर इसकी खेती खरीफ सीजन में की जाती है जो जून से अक्तूबर महीने के बीच में तैयार होती है. मिर्च की खेती में उर्रवरकों का इस्तेमाल करने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करा लेनी चाहिए. इसके आधार पर ही उर्रवरक डालना चाहिए. इसकी रोपाई के लिए खेत तैयार करते समय प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल सड़ी हुई गोबर खाद या फिर 50 क्विटंल वर्मी कंपोस्ट मिलाना चाहिए. इसके अलावा नाइट्रोजन फॉस्फोरस और पोटाश का इस्तेमाल करना चाहिए.