मल्चिंग शीट फसल की सुरक्षा का एक शानदार तरीका है. मल्चिंग शीट नमी बनाए रखती है और मिट्टी का कटाव कम करती है, खरपतवारों को नियंत्रित करती है और फसल में पानी का उपयोग भी कम करती है. मल्चिंग पेपर की मदद से पैदावार भी बढ़ती है. इसके साथ ही मल्चिंग पेपर के प्रयोग से मिट्टी की ऊपरी परत सख्त नहीं होती और फसल स्वस्थ रहती है.
खेती के लिए सामान्यतः 90 सेमी. 10 से 80 सेमी की चौड़ाई वाला मल्चिंग पेपर खेती के लिए सही माना जाता है. अगर मोटाई की बात करें तो यह आपकी खेती के प्रकार या बोई जाने वाली फसल पर निर्भर करता है. फलों की खेती के लिए लगभग 20-40 माइक्रोन की प्लास्टिक फिल्म मल्च उपयुक्त होती है. इन्हें पौधे के तने के चारों ओर हाथों से लगाया जाता है.
खेती में मल्चिंग शीट लगाते समय उसमें ज्यादा तनाव न डालें, क्योंकि खेती के दौरान तापमान बढ़ने या अन्य काम करने से यह फट सकती है. गर्मियों में इसके फटने की संभावना अधिक होती है. यदि आप मल्चिंग पेपर का उपयोग सुरक्षित रूप से करते हैं और इसे सुरक्षित रखते हैं, तो आप इसे कई बार उपयोग कर सकते हैं.
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खेतों में मल्चिंग के तहत पॉलिथीन बिछाई जाती है. ये पॉलीथीन अलग-अलग माइक्रोन यानी अलग-अलग मोटाई के होते हैं. पुराने समय में मल्चिंग के लिए पॉलिथीन की जगह पुआल या गन्ने की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता था. कई स्थानों पर मल्चिंग के लिए पुस का भी उपयोग किया जाता था. आजकल मल्चिंग के लिए पॉलिथीन का प्रयोग किया जाता है, जिसे हाथ से बिछाया जाता है और इसे बिछाने के लिए कई तरह की मशीनें भी उपलब्ध हैं.
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